१६:२५, २० मार्च २०२१ के समय का अवतरण
दादरा ताल - दादरे की शैली ठुमरी से मिलती-जुलती है। इसे मुख्य रूप से कहरवा और दीपचंदी में गाया जाता है और इसकी गति ठुमरी से तेज होती है। इसे पूरब अंग की ठुमरी का हल्का संस्करण भी कहा जाता है। इसमें प्रमुख भाव शृंगार का होता है लेकिन इसमें ठुमरी के मुकाबले अधिक उन्मुक्तता होती है।