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"भारत—निकट पश्चिम—यूरोप आर्थिक गलियारा": अवतरणों में अंतर

भारतपीडिया से
('{{Infobox organization | name = India-Middle East-Europe Economic Corridor | image = File:India-Middle East-Europe Economics Corridor.jpg | caption = Announcement of India-Middle East-Europe Economic Corridor in New Delhi | map = India Middle East Europe Economic Corridor Map.png | mcaption = India Middle East Europe Economic Corridor Foun...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
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'''भारत-निकट पश्चिम-यूरोप आर्थिक गलियारा''' (IMEC) योजनाबद्ध आर्थिक गलियारा है। जिसका उद्देश्य एशिया, फारस की खाड़ी और यूरोप के बीच कनेक्टिविटी और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देकर आर्थिक विकास को सुदृढ करना है। यह गलियारा संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इस्राएल तथा यूनान के माध्यम से भारत से यूरोप तक का प्रस्तावित मार्ग है।
'''भारत-निकट पश्चिम-यूरोप आर्थिक गलियारा''' (IMEC) योजनाबद्ध आर्थिक गलियारा है। जिसका उद्देश्य एशिया, फारस की खाड़ी और यूरोप के बीच कनेक्टिविटी और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देकर आर्थिक विकास को सुदृढ करना है। यह गलियारा संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इस्राएल तथा यूनान के माध्यम से भारत से यूरोप तक का प्रस्तावित मार्ग है।
== ज्ञापन समझौता पर हस्ताक्षर ==
०९ सितम्बर २०२३ को  जी-२० नई दिल्ली शिखर सम्मेलन, नई दिल्ली के समय भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी, इटली तथा यूरोपीय सङ्घ की सरकारों द्वारा समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे।
== जानकारी ==
यह परियोजना रेल और नौवहन सञ्जाल के माध्यम से यूरोप और एशिया के बीच परिवहन और सञ्चार सम्बन्धों को मजबूत करने के लिए है और इसे चीन के Belt and Road Initiative के प्रतिस्पर्धा के रूप में देखा जाता है। ज्ञापन समझौता प्रलेख में केवल गलियारे का संभावित मानचित्रण किया गया है और यह स्वेज नहर से गुजरने वाले वर्तमान व्यापार मार्ग से प्रतिस्पर्धा करेगा।

१६:१८, २६ जनवरी २०२५ का अवतरण

साँचा:Infobox organization


भारत-निकट पश्चिम-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) योजनाबद्ध आर्थिक गलियारा है। जिसका उद्देश्य एशिया, फारस की खाड़ी और यूरोप के बीच कनेक्टिविटी और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देकर आर्थिक विकास को सुदृढ करना है। यह गलियारा संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इस्राएल तथा यूनान के माध्यम से भारत से यूरोप तक का प्रस्तावित मार्ग है।

ज्ञापन समझौता पर हस्ताक्षर

०९ सितम्बर २०२३ को जी-२० नई दिल्ली शिखर सम्मेलन, नई दिल्ली के समय भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी, इटली तथा यूरोपीय सङ्घ की सरकारों द्वारा समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे।

जानकारी

यह परियोजना रेल और नौवहन सञ्जाल के माध्यम से यूरोप और एशिया के बीच परिवहन और सञ्चार सम्बन्धों को मजबूत करने के लिए है और इसे चीन के Belt and Road Initiative के प्रतिस्पर्धा के रूप में देखा जाता है। ज्ञापन समझौता प्रलेख में केवल गलियारे का संभावित मानचित्रण किया गया है और यह स्वेज नहर से गुजरने वाले वर्तमान व्यापार मार्ग से प्रतिस्पर्धा करेगा।