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बांग्लादेश में 8 अगस्त 2024 को [[मुहम्मद युनूस]] के नेतृत्व में एक हुकूमत का गठन किया गया था। अगस्त २०२४ में प्रधानमन्त्री शेख हसीना ने देशव्यापी छात्र-आन्दोलन के चलते देश को छोड़कर भारत में शरण ली थी। 12वीं जातीय संसद् को 6 अगस्त 2024 को भङ्ग कर दिया गया था और | बांग्लादेश में 8 अगस्त 2024 को [[मुहम्मद युनूस]] के नेतृत्व में एक हुकूमत का गठन किया गया था। अगस्त २०२४ में प्रधानमन्त्री शेख हसीना ने देशव्यापी छात्र-आन्दोलन के चलते देश को छोड़कर भारत में शरण ली थी। 12वीं बांग्लादेश की संसद् (जातीय संसद्) को 6 अगस्त 2024 को भङ्ग कर दिया गया था और जैसा कि अतीत में हुआ है कि अन्तरिम सरकार तब तक शासन करती है जब तक कि महानिरृवाचन के बाद नये प्रधानमन्त्री की नियुक्ति न हो जाये। यह हुकूमत (regime) भी आधार पर काम कर रही है, हालाँकि अन्तरिम सरकार का उल्लेख तथा उसकी वैधानिक तो संविधान में मिलती है किन्तु यह हुकूमत संवैधानिकता के बाहर काम कर रही है। फिर भी बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय के अपीलीय प्रभाग ने 9 अगस्त 2024 के ''आवश्यकता के सिद्धान्त'' का उदाहरत देते हुए इस अस्थायी सरकार की वैधता को स्थिर रखा। जिसके कारण राज्य के विषयों का प्रबन्धन करने और संवैधानिक रिक्तता (खालीपन) को भरने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता की बात कही थी। | ||
युनूस के नेतृत्ववाले प्रशासन नये संविधान का प्रारूप तैयार करने एवं संविधान-सभा का गठन करने की प्रतिबद्धता जतायी है। ऐसा संविधान बनाने के बात कही है जो मानव की गरिमा की सुरक्षा करे और जिसमें विभिन्न धर्मों तथा राजनीतिक विचारधाराओं के लोगों को सम्मिलित करने की बात कही है। |
१३:०८, ४ मार्च २०२५ का अवतरण
बांग्लादेश में 8 अगस्त 2024 को मुहम्मद युनूस के नेतृत्व में एक हुकूमत का गठन किया गया था। अगस्त २०२४ में प्रधानमन्त्री शेख हसीना ने देशव्यापी छात्र-आन्दोलन के चलते देश को छोड़कर भारत में शरण ली थी। 12वीं बांग्लादेश की संसद् (जातीय संसद्) को 6 अगस्त 2024 को भङ्ग कर दिया गया था और जैसा कि अतीत में हुआ है कि अन्तरिम सरकार तब तक शासन करती है जब तक कि महानिरृवाचन के बाद नये प्रधानमन्त्री की नियुक्ति न हो जाये। यह हुकूमत (regime) भी आधार पर काम कर रही है, हालाँकि अन्तरिम सरकार का उल्लेख तथा उसकी वैधानिक तो संविधान में मिलती है किन्तु यह हुकूमत संवैधानिकता के बाहर काम कर रही है। फिर भी बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय के अपीलीय प्रभाग ने 9 अगस्त 2024 के आवश्यकता के सिद्धान्त का उदाहरत देते हुए इस अस्थायी सरकार की वैधता को स्थिर रखा। जिसके कारण राज्य के विषयों का प्रबन्धन करने और संवैधानिक रिक्तता (खालीपन) को भरने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता की बात कही थी।
युनूस के नेतृत्ववाले प्रशासन नये संविधान का प्रारूप तैयार करने एवं संविधान-सभा का गठन करने की प्रतिबद्धता जतायी है। ऐसा संविधान बनाने के बात कही है जो मानव की गरिमा की सुरक्षा करे और जिसमें विभिन्न धर्मों तथा राजनीतिक विचारधाराओं के लोगों को सम्मिलित करने की बात कही है।