"आई लव् मोहम्मद विवाद": अवतरणों में अंतर
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कानपुर पुलिस ने कथित तौर पर लाइटबोर्ड/बैनर को हटाकर या स्थानान्तरित कर के और पारम्परिक तम्बू व्यवस्था को बहाल किया। FIR से यह भी पता चलता है कि कथित कार्रवाइयों का CCTV फुटेज भी प्राप्त किया गया था और पुलिस का कहना है कि FIR केवल बैनर पर नहीं अपितु विनाश और अशान्ति फैलाने के कृत्यों पर दर्ज की गयी है।<ref name=OpIndiaKanpur/> | कानपुर पुलिस ने कथित तौर पर लाइटबोर्ड/बैनर को हटाकर या स्थानान्तरित कर के और पारम्परिक तम्बू व्यवस्था को बहाल किया। FIR से यह भी पता चलता है कि कथित कार्रवाइयों का CCTV फुटेज भी प्राप्त किया गया था और पुलिस का कहना है कि FIR केवल बैनर पर नहीं अपितु विनाश और अशान्ति फैलाने के कृत्यों पर दर्ज की गयी है।<ref name=OpIndiaKanpur/> | ||
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POLICE COMMISSIONERATE KANPUR NAGAR | |||
| username = kanpurnagarpol | |||
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| text = #खण्डन- थाना रावतपुर क्षेत्रान्तर्गत सैयद नगर मोहल्ले से बारावफात का एक परंपरागत जुलूस निकलना था। मोहल्ले के कुछ लोगों द्वारा परंपरागत स्थान से हटकर टेंट, पोस्टर व बैनर लगाये गये। जुलूस के दौरान इसमें शामिल कुछ युवकों द्वारा दूसरे सम्प्रदाय के धार्मिक पोस्टर को फाड़ दिए जाने से साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस प्रकरण में थाना रावतपुर पर अभियोग पंजीकृत किया गया, जिसके उपरान्त यह मामला सोशल मीडिया पर गलत तथ्यों के साथ वायरल हुआ। | |||
आज दिनांक 23.09.2025 को इस घटना के संबंध में पुलिस आयुक्त श्री अखिल कुमार महोदय के साथ कानपुर शहर के मुफ्ती साकिब अदीब मिस्बाही शहर क़ाज़ी, हाफ़िज़ अब्दुल कुददूस हादी शहर क़ाज़ी, क़ारी मोहम्मद सगीर आलम हबीबी नायब शहर क़ाज़ी, मौलाना असग़र अली यार अल्वी खतीबो इमाम जामा मस्जिद रावतपुर द्वारा मुलाकात कर चिंताएं व्यक्त की गईं। पुलिस आयुक्त महोदय ने स्पष्ट किया कि मुकदमा "I love Mohammad" लिखे बैनर को लगाने पर नही लिखा गया है बल्कि गैर परम्परागत स्थान पर टेंट, पोस्टर व बैनर लगाने और दूसरे समुदाय के धार्मिक पोस्टर को फाड़ने के कारण FIR लिखी गयी है। उनको FIR भी पढ़वाई और बताया कि जो विरोध हो रहा है वह गलत तथ्यों पर हो रहा है। पुलिस आयुक्त महोदय द्वारा उन्हें आश्वस्त किया गया कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है जो व्यक्ति दोषी नही है मुकदमें से उनके नाम हटा दिए जाएंगे तथा जो भी वास्तविक उपद्रवी पाए जाएंगे उनके विरुद्ध कठोरतम विधिक कार्यवाही की जाएगी। | |||
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| translation = Rebuttal – A traditional Barawafat procession was scheduled to pass through the Sayyad Nagar locality under Rawatpur police station area. Some residents of the locality, deviating from the traditional route and place, put up tents, posters, and banners. During the procession, a few youths participating in it tore down religious posters belonging to another community, which created a situation of communal tension. In this regard, an FIR was registered at Rawatpur police station. Subsequently, the incident was circulated on social media with misleading and incorrect information. | |||
On 23-09-2025, in connection with this incident, the Commissioner of Police, Shri Akhil Kumar, was called upon by Mufti Saqib Adeeb Misbahi, City Qazi; Hafiz Abdul Quddus Hadi, City Qazi; Qari Mohammad Sagheer Alam Habibi, Naib City Qazi; and Maulana Asgar Ali Yar Alvi, Khateeb and Imam of Jama Masjid, Rawatpur, who expressed their concerns. The Commissioner of Police clearly explained that the FIR had not been registered for putting up a banner inscribed with "I love Mohammad", but rather for putting up tents, posters, and banners at a non-traditional site and for tearing down another community’s religious posters. The FIR was also read out to them, and it was explained that the ongoing protest was based on incorrect facts. | |||
The Commissioner of Police assured them that a thorough investigation of the matter is being carried out. Names of those who are not guilty will be removed from the case, while strict legal action will be taken against all those found to be actual miscreants. | |||
| date = 23 September 2025 | |||
| ID = 1970515239285244141 | |||
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|archive-date = 01 October 2025 | |||
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== सन्दर्भ == | == सन्दर्भ == | ||
११:४६, २ अक्टूबर २०२५ का अवतरण
बारावफात में जुलूस के समय “I Love Mohammad” लिखे हुए बैनर तथा पोस्टर लगाने और अन्य धर्मों के बैनर तथा पोस्टर फाड़ने और हटाने से आरम्भ हुए विवादों को ‘आई लव् मोहम्मद’ विवाद कहा जाता है। प्रदर्शनकारियों द्वारा पथराव, अन्य धर्मों के पोस्टरों को नष्ट करने और हिंसा के बाद पोस्टर लगाने पर विवाद अभिकथित रूप से इतना बढ़ गया। जिस से पुलिस को विधि एवं व्यवस्था बहाल करने के लिए कानून के तहत कार्रवाई करनी पड़ी।[१][२]
पृष्ठभूमि
यह विवाद कानपुर के रावतपुर से आरम्भ हुआ था। जहाँ 4 सितम्बर 2025 को रावतपुर पुलिस स्टेशन के अधिकारक्षेत्र में जफरवाली गली में "आई लव मुहम्मद" वाला एक लाइट बोर्ड या बैनर लगाया गया था। प्राथमिकी (जैसा कि ऑपइंडिया में उद्धृत किया गया है) में कहा गया है कि यह मुस्लिम समुदाय के बारावफात कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा यह नयी प्रथा चालू की गयी है। इस वर्ष से पहले तक बारावफात कार्यक्रम पर शिविर (टेण्ट) लगाने की प्रथा थी।
स्थानीय हिन्दू निवासियों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि हिन्दू मोहल्लों में सड़कों के किनारे हिन्दू धर्म से सम्बन्धित धार्मिक पोस्टर-बैनर इत्यादि लगे हुए थे। बारावफात जुलूस में सम्मिलित होने वाले अज्ञात मुस्लिम युवाओं द्वारा हिन्दुओं के धार्मिक पोस्टरों को जानबूझ कर फाड़ा अथवा नष्ट किये गये। प्राथमिकी (FIR) में आरोप लगाया गया है कि 5 सितम्बर के जुलूस में एक वाहन में लाठी लिये सवार लोगों ने साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने के उद्देश्य से उन पोस्टरों को क्षतिग्रस्त किया।
कानपुर पुलिस ने कथित तौर पर लाइटबोर्ड/बैनर को हटाकर या स्थानान्तरित कर के और पारम्परिक तम्बू व्यवस्था को बहाल किया। FIR से यह भी पता चलता है कि कथित कार्रवाइयों का CCTV फुटेज भी प्राप्त किया गया था और पुलिस का कहना है कि FIR केवल बैनर पर नहीं अपितु विनाश और अशान्ति फैलाने के कृत्यों पर दर्ज की गयी है।[२]
सन्दर्भ
- ↑ "What is 'I Love Muhammad' row and why it sparked protests across India". India Today. 22 September 2025.
- ↑ २.० २.१ "Kanpur: Read the truth behind the "I Love Muhammad" poster controversy". OpIndia. 20 September 2025.