एम॰ फातिमा बीबी
साँचा:ज्ञानसन्दूक
| label1      = पथानामथिट्टा, त्रावणकोर
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पथानामथिट्टा, त्रावणकोर
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| data22 = भारत के उच्चतम न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश, तमिलनाडु के राज्यपाल
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| data24 = मर्री चन्ना रेड्डी / कृष्ण कान्त (अतिरिक्त दायित्व)
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| data25 = डॉ॰ सी रंगराजन (कार्यवाहक राज्यपाल)
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न्यायमूर्ति फातिमा बीबी (जन्म: 30 अप्रैल 1927) सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश हैं। वे वर्ष 1989 में इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली भारतीय महिला हैं।[१] उन्हें 3 अक्टूबर 1993 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (भारत) की सदस्य बनाया गया। उनका पूरा नाम मीरा साहिब फातिमा बीबी है। वे तमिलनाडू की पूर्व राज्यपाल भी रह चुकी हैं।[२]
न्यायमूर्ति एम. फातिमा बीबी का जन्म केरल के पथानामथिट्टा में हुआ था। उनके पिता का नाम मीरा साहिब और माँ का नाम खदीजा बीबी है। उनकी विद्यालयी शिक्षा कैथीलोकेट हाई स्कूल, पथानामथिट्टा से हुई। उन्होने यूनिवर्सिटी कॉलेज, त्रिवेंद्रम से स्नातक और लॉ कॉलेज, त्रिवेंद्रम से एल एल बी किया। 14 नवम्बर 1950 को वे अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुयी, मई, 1958 में केरल अधीनस्थ न्यायिक सेवा में मुंसिफ़ के रूप में नियुक्त हुयी, 1968 में वे अधीनस्थ न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुयी। 1972 में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, 1974 में जिला एवं सत्र न्यायाधीश, 1980 में आयकर अपीलीय ट्रिब्यूनल की न्यायिक सदस्य और 8 अप्रैल 1983 को उन्हें उच्च न्यायालय में एक न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। 06 अक्टूबर 1989 को वे सर्वोच्च न्यायालय की न्यायाधीश नियुक्त हुई। जहां से 24 अप्रैल 1992 को वे सेवा निवृत हुई।[३]
सन्दर्भ
- ↑ "पर्दा फ़ाश (वेब पोर्टल), शीर्षक: सर्वोच्च न्यायालय के तीन नए न्यायाधीशों ने शपथ ग्रहण की". मूल से 2 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 नवंबर 2013.
- ↑ "पुलिस और समाज (ई बूक), लेखक: एस अखिलेश". मूल से 3 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 नवंबर 2013.
- ↑ "Short Itroduction of Fatima Bibi on Suprime Court of India' official website". मूल से 10 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 नवंबर 2013.