बशीर मोमीन कवठेकर

कवि बशीर मोमीन कवठेकर (जन्म- मार्च 1947)

Momin Kavathekar

एक लोकप्रिय भारतीय कवि और लेखक हे जो महाराष्ट्र में अपने गीतो द्वारा मनोरंजन के साथ साथ विविध सामाजिक विषयो पर जनजागृती का कार्य करते आ रहे है। कवि बशीर मोमीन कवठेकर जी कई और नामो से भी जाणे जाते हे जैसी की बी. के. मोमीन या सिर्फ मोमीन कवठेकर (Bashir Momin Kavathekar) [१]. मोमीन कवठेकर पिछले पांच दशको से साहित्य निर्मिती और कला संवर्धन से जुडे है। इस अनमोल योगदान और कर्तृत्व के चलते महाराष्ट्र सरकार ने उन्हे सण 2019 में 'विठाबाई नारायणगावकर जिवन गौरव पुरस्कार' से सम्मानित किया। [२]

प्रारंभिक जीवन और कैरियर

मोमीन कवठेकर का जन्म पुणे जिले के एक छोटेसे गांव 'कवठे येमाई' में हुआ जो एक अवर्षण ग्रस्त क्षेत्र होणे के साथ ही मराठा साम्राज्य से जुडी ऐतिहासिक घटनाओ का गवाह है। यही वजह हे की यहा कला और कलाकारो का सम्मान किया जाता है और महाराष्ट्र की सांस्कृतिक परंपरा को बनाये रखणे में महत्वपूर्ण योगदान देता आ रहा है।

मोमीन कवठेकर ने अपना पहला गीत 11 साल की उम्र में लिखा है। यह गीत उनके स्कूल के समारोह में प्रस्तुत किया गया था और दर्शकों से प्रशंसा प्राप्त की थी। इस प्रशंसा ने उन्हें अपने लेखन को जारी रखने और तराशने के लिए प्रोत्साहित किया। कम उम्र में, वह 'गंगाराम कवठेकर' की तमाशा मंडली में शामिल हो गए, जहाँ उन्हें ग्रामीण दर्शकों की अपेक्षाओं, मनोरंजन के लिए उनकी प्राथमिकताएँ और कलाकार / मंडलों / संचालकों के सामने आने वाली कठिनाइयों के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने नाटकों (वाग नाट्य) में भी काफी किरदार / भूमिकाएँ निभाईं। खाली समय के दौरान, उन्होंने दोहे / छोटे लोक गीतों / लावणी आदि को कलमबद्ध किया जो तमाशा में गाए गए। उनके लोक गीतों और लघु नाटकों को दर्शकों से सराहना मिली और उनके रचे हुए गित सारे ग्रामीण महाराष्ट्र में लोकप्रिय हो गए।

उनके गीतों की लोकप्रियता ने उन्हें प्रसिद्धि दिलाई और विभिन्न तमाशा मंडलों / संचालकों ने नए गीतों / वगनाट्य को लिए उनके घर कि और रुख करना शुरू कर दिया।[३] वह अन्य तमाशा मंडलों जैसे 'काळू बाळू कवलापुरकर', 'रघुवीर खेडकर और कांताबाई सातारकर', 'अमन ताम्बे', 'लक्ष्मण टाकळीक र' और 'दत्ता महाडिक पुणेकर' से जुड़े। हालाँकि, उन्होंने कभी भी इन तमाशा संचालकों से गीत या वाग नाट्य के लिए कोई रॉयल्टी / शुल्क नहीं लिया।[४][५]. टेलीविजन / रेडियो / वीसीआर / केबल के आगमन के साथ ही तमाशा को एक उद्यम के रूप में काफी कठिनाई का सामना करना शुरू करना पडा। इस चरण के दौरान, उन्होंने डिजिटल विकल्पों पर काम किया और म्यूजिकल ऑडियो एल्बम (सीडी) का मार्ग अपणाने की कोशिश की। उन्होंने विपणन उद्देश्य के लिए नए तकनीकी परिवर्तनों को अनुकूलित करने के लिए कई मंडलों / मालिकों का मार्गदर्शन किया।[६].उन्होंने मराठी मूवी "VIP GADHAV" के लिए गीत भी लिखे हैं, जिसमें मुख्य अभिनेता के रूप में जाने-माने कॉमेडियन भाऊ कदम शामिल हैं। [७][८] (Zumba | VIP Gadhav”

मोमीन कवठेकर ने 4000 से अधिक लोक गीत लिखे हैं जो स्थानीय कलाकारों द्वारा वर्षों से पेश किए जा रहे हैं। उनके गीतों के संग्रह में 'लावणी ’,गण’, गवलन’,‘कविता', 'भक्ति गीत’, सामाजिक मुद्दों/ सुधारों पर गीत ’ जैसे कई प्रकार शामिल हैं। ग्रामिण भाषा /बोली का अनोखी इस्तेमाल करणे के कारण उनके गित काफी लोकप्रिय है। उन्होंने ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित एक नाटक लिखा है। उन्होंने सामाजिक विषयों पर लघु कथाएँ, नुक्कड़ नाटक जो एक सामाजिक जनजागृती और आधुनिक विचारसरणी को प्रेरणा देते हैं। साक्षरता अभियान, ग्राम स्वच्छता अभियान, एड्स बिमारी के बारे में जागरूकता, दहेज का बुरा प्रभाव आदि कई विषय हे जो मोमीन कवठेकर के साहित्य में पाए जाते हैं। कवि बशीर मोमीन कवठेकर करीब 1970 के दशक से तमाशा कलाकारो को अपने लेखन सामुग्री - लावणी, लोकगीत और वगनाट्य से संपन्न कर रहे है। कवि बशीर मोमीन कवठेकर के इस अनमोल योगदान और कर्तृत्व के चलते महाराष्ट्र सरकार ने उन्हे सण 2019 में 'विठाबाई नारायणगावकर जिवन गौरव पुरस्कार' से सम्मानित किया। यह पुरस्कार उनके कला और सांस्कृतिक क्षेत्र में किए हुए अभूतपूर्व कार्य का यथोचित सम्मान है।

बशीर मोमीन कवठेकर का और एक महत्वपूर्ण योगदान यह भी है की उन्होने एक किताब “कलावंतांच्या आठवणी (अभ्यास पुस्तक)”[९] लिखी जो इस क्षेत्र से जुडे कलाकारो की जाणकारी संग्रहित करता है। इस तरह कला प्रसार के साथ ही इसे संवर्धन करणेवालो कलाकारो के योगदान और स्म्रिती को जिवीत रख सकते है।

पुरस्कार और मान्यता

[१०]

  • "तमाशासम्रादणी विठाबाई नारायणगावकर जीवनगौरव पुरस्कार (2019)"[११]
  • "मुस्लिम सत्य शोधक विशेष सम्मान (2019)"[१२]– Received at the hands of noted social activist Shri Baba Adhav.
  • “महाराष्ट्र साहित्य परिषद पुरस्कार (2019)”.[१३]
  • "लोकनेते गोपीनाथ मुंडे जीवनगौरव पुरस्कार (2018”) "[१४]
  • "पदमश्री विखे पाटिल साहित्य कला गौरव पुरस्कार(2014)"[१५]
  • "ग्रैंड सोशल अवार्ड, पुणे (2013)"[१६]
  • "व्यसनमुक्ती पुरस्कार (2000)"
  • "लोकशहीर पुरस्कार (1999)"
  • "ग्रामवैभव पुरस्कार (1981)"
  • "छोटू जुवेकर पुरस्कार, मुंबई (1980)"[१७]

सामाजिक कार्य

मोमीन कवठेकर ने एक कलापथक का गठन किया था, जो नुक्कड़ नाटक के तहत सामाजिक विषयो को छुता और दहेज प्रथा, एड्स जैसी महामारियों, अंधविश्वासों का अंधा अनुसरण और अस्वच्छता के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाता था। उन्होंने सरकार की विभिन्न अभियानो में भी सक्रिय रूप से भाग लिया, जैसे कि राष्ट्रीय साक्षारता मिशन, व्यसनमुक्ति अभियान, ग्राम स्वच्छता और स्वच्छ भारत अभियान।[१८] सामाजिक कारण में उनके योगदान के लिए एक मान्यता के रूप में, उन्हें सरकार द्वारा 'व्यसनमुक्ती पुरस्कार’से सम्मानित किया गया। [

उन्होंने लोक कला और कलाकारो के विकास के लिए काम करने के उद्देश्य से लोक कलाकारों के एक संगठन का गठन और नेतृत्व किया। उन्होंने कलाकार के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति, बुजुर्ग कलाकार के लिए पेंशन [१९] जैसे मुद्दों को संबोधित करने की कोशिश की और पेंशन सुनिश्चित करने के लिए सरकारी एजेंसियों से संघर्ष भी किया[२०] । वे पुणे जिले में लोक कलाकार के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित करते थे[२१]। उन्होंने लोक कलाकार के योगदान का दस्तावेजीकरण करने की कोशिश कि ताकि कला और संस्कृति संरक्षित रहे और अगली पीढ़ी को उपलब्ध हो सके। पिछले दो दशकों से वह युवा पीढ़ी के कलाकारों को मार्गदर्शन कर रहे हैं, जिससे कला का विकास हो रहा है और महाराष्ट्र की संस्कृति में प्रचलित पारंपरिक कला रूपों का संरक्षण हो रहा है।[२२] [२३][२४]

संदर्भ

साँचा:टिप्पणीसूची

  1. https://en.wikipedia.org/wiki/Bashir_Momin_Kavathekar
  2. बी. के. मोमीन कवठेकर यांना विठाबाई नारायणगावकर पुरस्कार जाहीर “Sakal, a leading Marathi Daily”, 2-Jan-2019
  3. शंकर रत्नपारखी. “जागृतदेवस्थान येमाईदेवी”, "Prabhat- a Marathi Daily", Pune, 1-Sept-1985.
  4. “रसिकांना मिळणारा आनंद हाच खरा पुरस्कार- बी.के. मोमीन”,Sakal, Pune, 17-Aug-2014.
  5. लोकसाहित्यिक बी.के.मोमीन यांचा सत्कार Sakal, 30-Aug-2019.
  6. "सोशल नेटवर्किंगवरून आता तमाशाचे मार्केटिंग", "Divya Marathi”, Published on 2-March-2014]
  7. "भाऊ कदम आता नव्या रंगात अन् नव्या ढंगात येणार तुमच्या समोर!"साँचा:Dead link,"Maharashtra Kesari". 6-Aug-2019
  8. साँचा:Citation
  9. Prakash Khandge. "उपेक्षित कलाक्षेत्राच्या उपयुक्त नोंदी", Loksatta, Mumbai, Published on 10-Dec-2000.
  10. "कवठेकर यांना डॉ. विखे पाटील पुरस्कार", "Prabhat", Pune, 16-Sept-2014.
  11. "आयुष्यभराच्या निरपेक्ष सेवेचा गौरव! लोकशाहीर बशीर मोमीन यांच्या भावना" [१],"Saamana”, Published on 1-March-2019
  12. "दारू पिऊन ‘तिहेरी तलाक’ उच्चारणे कसे काय चालते?"[२] Lokamt, Published on 23-March-2019
  13. "कर्तबगार व्यक्तींचा तळेगाव येथे सन्मान" [३],Sakal, Published on 16-Sept-2019
  14. "ग्रामीण भागातील लोककलावंतांना राजाश्रयाची गरज: बी के मोमीन" [४], “Prabhat, Published on 12-Dec-2018
  15. "पद्मश्री विखे पाटील साहित्य पुरस्कार जाहीर" [५], “Maharashtra Times", Published on 11-Aug-2014
  16. " समाजहित साधणारेच खरे 'हिरो' -जॅकी श्रॉफ", "Prabhat", Pune, 3-Nov-2011.
  17. "दुसऱ्या तमाशा लेखन स्पर्धेचा निकाल ", Sakal, Mumbai, 22-Oct-1980.
  18. बशीर मोमीन (कवठेकर) “Editorial Section of Maharashtra Times”, Published on 2-March-2019
  19. "राज्यातील ज्येष्ठ कलावंतांकडे शासनाचे दुर्लक्ष: मोमीन", "Pudhari", Pune, 28-March-2008.
  20. "वृद्ध कलावंताचा मोर्चा, घेरावाचा इशारा", "Dainik Prabhat-a leading marathi daily", Pune, 7-July-2008.
  21. "जिल्ह्यात तमाशा कलावंतांसाठी आरोग्य तपासणी शिबिरे", "Dainik Prabhat-a leading marathi daily", Pune, 20-Jan-2008.
  22. "लोककलाविषयक अप्रकाशित साहित्य शासनाने प्रकाशित करावे", Sakal, Pune, 30-May-2009.
  23. "नृत्य स्पर्धेत बक्षिसांचा ‘पाऊस’",Loksatta, Retrieved on 10-Feb-2019
  24. "ग्रामीण भाग कलाकारांची खाण -मोमीन कवठेकर यांचे प्रतिपादन; शिरूरला एकांकिका स्पर्धा",Sakal, Pune,3-March-2019