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साँचा:Infobox artist राम सुतार (अंग्रेजी: Ram Vanji Sutar, जन्म: 19 फ़रवरी 1925) भारत के एक सुप्रसिद्ध मूर्तिकार हैं। महाराष्ट्र में जन्मे इस शिल्पकार का पूरा नाम राम वनजी सुतार है। आपने कई महापुरुषों की बहुत विशाल मूर्तियाँ बनायीं और उनके माध्यम से प्रचुर मात्रा में नाम और नामा दोनों कमाया। अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमन्त्रित्व काल में भारत सरकार ने आपकी कलात्मक शिल्प साधना को सम्मानित करते हुए 1999 में पद्मश्री से अलंकृत किया। इन्हें पद्म भूषण पुरस्कार भी मिला। 2018 में टैगोर कल्चरल अवॉर्ड भी मिलेगा।
संक्षिप्त जीवनी
रामसुतार का जन्म 19 फ़रवरी 1925 को महाराष्ट्र में धूलिया जिले के गोन्दुर गाँव में एक गरीब परिवार में हुआ। आपके पिता वनजी हंसराज जाति व कर्म से [[] Jangid] थे। 1952 में आपका विवाह प्रमिला के साथ हुआ जिनसे आपको 1957 में एकमात्र पुत्र अनिल रामसुतार हुआ। अनिल वैसे तो पेशे से वास्तुकार है परन्तु अब वह भी नोएडा स्थित अपने पिता के स्टूडियो व कार्यशाला की देखरेख का कार्य करता है।.[१]
कैरियर
आपने अपने गुरु रामकृष्ण जोशी से प्रेरणा लेकर बम्बई स्थित जे०जे०स्कूल ऑफ आर्ट में दाखिला लिया और 1953 में इसी स्कूल से मॉडेलिंग में सर्वोच्च अंक अर्जित करते हुए मेयो गोल्ड मेडल हासिल किया। मॉडेलर के रूप में औरंगाबाद के आर्कियोलोजी विभाग में रहते हुए 1954 से 1958 तक आपने अजन्ता व एलोरा की प्राचीन गुफाओं में मूर्तियों के पुनर्स्थापन (रेस्टोरेशन) का कार्य किया। 1958-59 में आप सूचना व प्रसारण मन्त्रालय भारत सरकार के दृश्य श्रव्य विभाग में तकनीकी सहायक भी रहे। 1959 में आपने स्वेच्छा से सरकारी नौकरी त्याग दी और पेशेवर मूर्तिकार बन गये।[२] आजकल अपने परिवार के साथ नोएडा में निवास करते हैं और इस आयु में भी पूर्णत: सक्रिय हैं।
योगदान
वैसे तो आपने बहुत सी मूर्तियाँ बनायीं किन्तु उनमें से कुछ उल्लेखनीय योगदान[३] इस प्रकार हैं:
- 45 फुट ऊँची चम्बल देवी की मूर्ति गंगासागर बाँध मध्य प्रदेश भारत
- 21 फुट ऊँची महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति अमृतसर
- 18 फुट ऊँची सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति संसद भवन नई दिल्ली
- 17 फुट ऊँची मोहनदास कर्मचन्द गान्धी की मूर्ति गान्धीनगर गुजरात
- 9 फुट ऊँची भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति जम्मू
- भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की आवक्ष प्रतिमा
- 2020 में राम की मूर्ति बनाने का प्रोडेक्ट मिला है (अयोध्या राम मंदिर)
अभी भी कर्मनिष्ठ
93 वर्ष की आयु में उनके अन्दर बैठा मूर्तिकार आज भी अपने कला-कर्म के प्रति निष्ठावान है। 45 फुट ऊँची चम्बल देवी की मूर्ति बनाकर इतिहास रचने वाले इस मूर्तिकार के दिल में एक ही तमन्ना थी कि वे कुछ ऐसा करके जायें, जिसे देखने के लिये देश-विदेश से लोग भारत आयें। उन्हें स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाने का मौका मिला। मूर्तिकार राम वंजी सुतार ने विश्व की इस सबसे ऊंची सरदार पटेल जी की मूर्ति का डिजाइन तैयार किया और बतौर मूर्तिकार मुख्य भूमिका निभाई है। राम वंजी सुतार के बेटे अनिल सुतार ने भी मूर्ति का डिजाइन तैयार करने में योगदान किया। [४]
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- राम सुतार का पूर्ण परिचय - इण्डियन आर्ट सर्किल डॉट कॉम पर
- Believe in Creating- जानिये मूर्तिकार के बारे में।
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ रचना, वर्मा (17 फरबरी 2014). "स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के लिए मूर्तिकार सुतार का नाम सबसे आगे". दैनिक जागरण नई दिल्ली जागरण सिटी ग्रेटर नोएडा. पृ॰ 15. मूल से 10 मार्च 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 फरबरी 2014.
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