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वैदूर्यरत्न

भारतपीडिया से
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हीरा,मोती और जवाहरात में यह भी एक रत्न होता है, इसकी बनावट दुरंगा पत्थर की भांति होती है, अंग्रेजी में केट्स आई भी कहते है।शनि के दो शिष्य राहु और केतु माने जाते हैं,राहु शनि का मुख औरकेतु शनि की पूंछ मानी जाती है, जब जातक को साधारण कष्ट देना होता है, तो शनि केतु को जातक को प्रताडित करने का आदेश देता है, और बुराई या बुराई करने वाले जातक को खत्म करने का शनि मानस बनाता है तो यह राहु को आदेश देता है। साँचा:वैदिक साहित्य