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बरेंद्र कृष्ण ढल(ओडिया:ବରେନ୍ଦ୍ର କୃଷ୍ଣ ଧଳ,अँग्रेजी:Barendra Krushna Dhal,25 मार्च 1941 – 9 अगस्त 2016), उड़िया भाषा के पत्रकार, साहित्यकार एवं स्तंभकार थे। उन्होंने 19 पुस्तकों की रचना की। उनकी प्रसिद्ध कृतियों में निषेदा प्रेमा, नाइका और मुखा का नाम आता है। उन्होंने 6 बांग्ला उपन्यासों का अनुवाद भी किया। समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में उनका लेख खुला विचार शीर्षक से प्रकाशित होता था। उनका जन्म 17 मार्च, 1939 को कटक जिले के बनाकी में हुआ था। उन्हें भुवनेश्वर में 1985 में राज्य का पहला पुस्तक मेला आयोजित करने का श्रेय जाता है। उन्हें वर्ष 1993 में बंगाली उपन्यास सम्बा के अनुवाद के लिए साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया था।[१][२]
9 अगस्त, 2016 को 77 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।[३]
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- इंडियन एक्स्प्रेस में समाचार(अँग्रेजी में)
साँचा:Commons category साँचा:Authority control
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ सुमन, सेफाली (10 फरवरी 2014). "Stalls make brisk business at Bhubaneswar book fair" [भुवनेश्वर पुस्तक मेले में स्टालों पर तेज कारोबार]. www.dailypioneer.com (English में). The Pioneer. मूल से 27 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अगस्त 2016.
- ↑ साँचा:Cite web