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ओख़ोत्स्क सागर

भारतपीडिया से
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ओख़ोत्स्क सागर का नक़्शा
रूस के मागादान शहर के पास ओख़ोत्स्क सागर का हिमाच्छादित एक तट

ओख़ोत्स्क सागर (रूसी: Охо́тское мо́ре, ओख़ोत्स्कोए मोरे) प्रशांत महासागर के उत्तरपश्चिमी भाग का एक समुद्र है।[१] यह पूर्व में कमचातका प्रायद्वीप, दक्षिणपूर्व में कुरील द्वीपसमूह, दक्षिण में जापान के होक्काइदो द्वीप, पश्चिम में रूस के साख़ालिन द्वीप और पश्चिमोत्तर में साइबेरिया के तटीय इलाक़े से घिरा हुआ है। इसका नाम रूस के ओख़ोत्स्क शहर पर पड़ा है जो सुदूर पूर्व में रूस का पहला क़स्बा था।

भूगोल

ओख़ोत्स्क सागर का क्षेत्रफल 15,83,000 वर्ग किमी है और इसकी औसत गहराई 2,818 फ़ुट (859 मीटर) है। इसकी सबसे गहरी खाई 11,063 फ़ुट की गहराई तक जाती है। साख़ालिन द्वीप के उत्तर और दक्षिण में यह जापानी सागर से जुड़ा हुआ है। सर्दियों में यहाँ इतनी ठण्ड हो जाती है कि इसपर भीमकाय बर्फ़ की सिल्लियाँ बनकर तैरती रहती हैं, जो आते-जाते जहाज़ों के लिए बहुत बड़ी रुकावटें पैदा कर देती हैं। जापान के होक्काइदो द्वीप के अलावा इसके चारों तरफ रूसी क्षेत्र है, इसलिए इस समुद्र को भी रूसी-नियंत्रित क्षेत्र ही माना जाता है।

उच्चारण सहायता

"ओख़ोत्स्क" शब्द में रूसी का "х" अक्षर प्रयोग होता है जिसे हिन्दी में "ख़" लिखा जाता है। ध्यान रहे कि "ख़" का उच्चारण "ख" से थोड़ा भिन्न है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ