मेनू टॉगल करें
Toggle personal menu
लॉग-इन नहीं किया है
Your IP address will be publicly visible if you make any edits.

झांझ

भारतपीडिया से
WikiDwarf (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित १८:४४, ६ जनवरी २०२१ का अवतरण (नया लेख बनाया गया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
झांझ का एक उन्नत रूप, जिसे हिलाया या टक्कर मारा जाता है।

झांझ (साँचा:Lang-en) एक वाद्य यन्त्र है। गोलाकार समतल या उत्तलाकार धातु की तश्तरी जैसा ताल वाद्य, जिसे ढोल बजाने की लकड़ी से या इसके जोड़े को एक-दूसरे से रगड़ते हुए टकराकर बजाया जाता है। तांबे, कलई (टीन) और कभी-कभी जस्ते के मिश्रण से बने दो चक्राकार चपटे टुकड़ों के मध्य भाग में छेद होता है। मध्य भाग के गड्ढे के छेद में डोरी लगी रहती है। डोरी में लगे कपड़ों के गुटकों को हाथ में पकड़कर परस्पर आघात करके वादन किया जाता है। यह गायन व नृत्य के साथ बजायी जाती है। यह प्रसिद्ध लोकवाद्य हॅ। कुछ क्षेत्रों में इसे करताल भी कहते हैं। हालांकि करताल तत, काँसा अथवा पीतलनिर्मित झाँझ का एक छोटा संस्करण है।[१]

व्युत्पत्ति

झांझ को अँग्रेजी भाषा में Cymbal कहते हैं जो ग्रीक शब्द κύμβαλον (kumbalon) का लैटिन रूप है। इसे लैटिन में cymbalum कहा जाता है।[२]

इतिहास

तांबे से बनी मिस्री झांझ, ठिब्स, गरिएको-रोमन काल, मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट, न्यूयार्क

इसका असीरिया, इज़राइल (1100 ई.पू.), मिस्र और अन्य प्रचीन सभ्यताओं में अक्सर आनुष्ठानिक तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। यह मध्य काल में सुदुर पूर्व एवं यूरोप में 13वीं सदी से पहले पहुंचा। अधिकतर एशियाई झांझ चौड़े किनारे वाले उभार या बिना उभार के क्षैतिज तरीक़े से आड़े पकड़कर तेजी से टकराए जाते हैं या छोटे किनारे वाले (या किनारा रहित), खड़े तरीक़े से पकड़कर धीमे बजाए जाते हैं। पश्चिमी वाद्य वृंदीय झांझ, तुर्की सैनिक बैंड से लिया गया है, जो 18वीं सदी के यूरोप में प्रचलित था। झांझों के इस्तेमाल की शुरुआत जोज़ेफ़ हैडन (विशेष रूप से उनकी मिलिट्री सिंफनी, 1794), डब्ल्यू. ए. मोत्ज़ार्ट और लुडविग वॉन वीटोवान की रचनाओं में हुई। रूमानी संगीत, जैसे रिचर्ड वैग्नर की टेनहॉसर में इनका इस्तेमाल नाटकीय चरम के रेखांकन के लिए किया जाता है, पारंपरिक रूप से सर्वोत्तम झांझ तुर्की से आते हैं।[३]

प्रकार

अनिश्चित सुरमान वाले आधुनिक झांझ क़रीब 36-46 सेमी व्यास वाले केंद्र में उभरे (जहां पकड़ने के लिए फीता बंधा होता है) और किनारे की ओर थोड़े से तिरछे मुड़े हुए होते हैं, ताकि किनारे ही आपस में टकराएं। इनकी विस्तार-क्षमता कमाल की है। हालांकि इन्हें आमतौर पर टकराया या रगड़ा जाता है, लेकिन इनका संचालन पैडल द्वारा भी किया जा सकता है या इन्हें ब्रश अथवा कठोर या मुलायम सिरे वाले चोब के प्रहार से बजाया जा सकता है। जैज़ और नृत्य बैंड में अन्य तकनीकें भी प्रयुक्त होती हैं। प्राचीन झांझ (उदाहरणस्वरूप, क्लॉड डिबसी द्वारा प्रयुक्त) छोटे करताल जैसे उंगलियों में पहनकर बजाए जाने वाले झांझ है, जिनका एक निश्चित सुरमान वाला उच्च स्वर होता है; इनका इस्तेमाल मूल रूप से नृत्य वाद्य के रूप में प्राचीन काल से मध्य-पूर्व में हो रहा है।[४]

इसे भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

साँचा:Commons category साँचा:Wiktionary

  • Cymbal Forum झांझ के बारे में चर्चा मंच।
  • Saluda Cymbals कस्टम झांझ की दुनिया।
  • Orchestral cymbal playing झांझ के एक उत्कृष्ट संक्षिप्त इतिहास के साथ।
  • Cymbal Colour Exploration, एक 3 डी अलग झांझ ध्वनि रंग की द्विकर्ण ऑडियो रिकॉर्डिंग।

साँचा:संगीत

  1. κύμβος साँचा:Webarchive, Henry George Liddell, Robert Scott, A Greek-English Lexicon, 1940, on Perseus Digital Library
  2. κύμβαλον साँचा:Webarchive, Henry George Liddell, Robert Scott, A Greek-English Lexicon, 1940, on Perseus Digital Library
  3. [भारत ज्ञानकोश, खंड-2, प्रकाशक: पापयुलर प्रकाशन मुंबई, पृष्ठ संख्या-285, आई एस बी एन 81-7154-993-4]
  4. κύμβος साँचा:Webarchive, Henry George Liddell, Robert Scott, A Greek-English Lexicon, 1940, on Perseus Digital Library