मेनू टॉगल करें
Toggle personal menu
लॉग-इन नहीं किया है
Your IP address will be publicly visible if you make any edits.

विधि के स्रोत

भारतपीडिया से
WikiDwarf (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित ०४:०६, १२ मार्च २०२० का अवतरण (नया लेख बनाया गया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

विधि के स्रोत (Sources of law) का संकीर्ण अर्थ है, "कानून की उत्पत्ति"। किन्तु विस्तृत अर्थ में तर्क करने का कोई भी आधार-सामग्री। कानून के स्रोत अन्तरराष्ट्रीय हो सकते हैं या राष्ट्रीय, क्षेत्रीय या धार्मिक हो सकते हैं।

भारत में विधि के स्रोत

भारत में कानून के मुख्य स्रोत संविधान, विधान, विधेयक, परंपरागत कानून और अदालतों के निर्णय पर आधारित कानून हैं। संसद, राज्यों के विधान मंडल और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभा द्वारा विधान बनाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त भारत में कई कानून ऐसे हैं जिन्हें 'उपकानून' माना जाता है। ये उप कानून केंद्र/राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों जैसे नगर निगमों, नगरपालिकाओं, ग्राम पंचायतों और अन्य स्थानीय प्राधिकारों द्वारा बनाए जाते हैं। ये उप कानून संसद द्वारा या राज्य की विधान सभा द्वारा या केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभा द्वारा प्रदत्त या प्राधिकृत अधिकार के तहत बनाए जाते हैं। उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय के निर्णय भी कानून के मुख्य स्रोत हैं। उच्चतम न्यायालय के निर्णय भारत के सभी न्यायालयों पर बाध्यकारी हैं। स्थानीय रीति-रिवाज और परंपराओं जो विधान, नैतिकता आदि के विरुद्ध नहीं हो, को भी अदालतें मान्यता देती हैं और निर्णय लेते समय इन्हें ध्यान में रखती है।

अन्तरराष्ट्रीय विधि के स्रोत

  • (१) रीति-रिवाज या रूढ़ियां (Customs)
  • (२) सन्धियां (Treaties)
  • (३) कानून के सामान्य सिद्धान्त (General Principles of Law)
  • (४) न्यायालयों के निर्णय (Judicial Decisions)
  • (५) विद्वान लेखकों के ग्रन्थ (Writings of Publicists)
  • (६) अन्तर्राष्ट्रीय शिष्टाचार (International Comity)
  • (७) कुछ अन्य स्रोत [१]

सन्दर्भ

साँचा:टिप्पणीसूची