पंडित नरसिंहलु वडवाटि

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पंडित नरसिम्हलु वडवाटि (जन्म २१ जनवरी, १९४२) एक प्रसिद्ध क्लारियोनेट संगीतज्ञ हैं।इनके जन्मदिवस २१ जनवरी को भारत में कलाकार दिवस के रूप में मनाया जाता है।

जीवन

आपका जन्म १९४२ में वडवाटी नामक गाँव में, एक प्रसिद्ध संगितझ परिवार में हुआ। इनके दादा चिक्कओबळप्पा शहनाई कलाकार थे। इनके पिता बुड्डप्पा तबला कलाकार थे, व इनकी माता रंगम्मा भक्ति गीत गाती थीं। बचपन से ही संगीत में इनके विशेश रुचि रही। मटमारि वीरण्णा इनके प्रथम गुरु थे। बाद में वडवाटि ने अपना संगीत अभ्यास श्री वेंकटप्पा के यहाँ पूर्ण किया। इन्होंने पंडित सिद्दराम जम्ब्लदिण्णि से हिन्दुस्तानी संगीत में शिक्षा ली। सिद्दराम जम्ब्लदिण्णि ग्वालियर व जयपुर घराने से थे। दस साल के कठोर साधना के बाद वडवाटि ने एकल गायन शुरू किया।

बर्षों के परिश्रम के बाद वडवाटि ने क्लारियोनेट पर महारत हासिल की। लगभग एक व्यक्ति के गाने के धुन की तरह क्लारियोनेट से गवाने की अनूठी विद्या वडवाटि ने हासिल की। इन्होने भारत, युनैटेड किन्गडम (ग्रेट ब्रिटन्), अमेरिका और फ्राँस में प्रदर्शन दिए।

संगीत विद्यापीठ

स्वरसंगमसंगीत विद्यालय नाम से वडवाटि ने रायचूर मे एक संगीत विद्यापीठ खोला। बेंगलूरु में पंडित नरसिंहलु वडवाटि संगीत अकाडमी नाम से एक और संगीत विद्यालय भी है।[१]

सन्दर्भ

  1. "Pandit Narasimhalu Vadavati: World Music Festival 2011". thehindu.com. मूल से 4 नवंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2013-01-21.