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कालु थापा क्षत्री

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}}साँचा:Template otherसाँचा:Documentation/start box2 {{#switch: {{#if:|1|0}}{{#if:|1|0}}{{#ifexist:|1|0}}{{#ifexist:साँचा:Documentation/docspace:साँचा:Documentation/template page/doc|1|0}} | 1000 | 1001 | 1010 | 1011 | 1100 | 1101 | 1110 | 1111 = | 0110 | 0111 = {{ {{{1}}} }} | 0001 | 0011 = {{ साँचा:Documentation/docspace:साँचा:Documentation/template page/doc }} | 0000 | 0100 | 0010 | 0101 = }} साँचा:Documentation/end box2 </noinclude>{{#if:|}}स्क्रिप्ट त्रुटि: "Check for unknown parameters" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। कालु थापा क्षत्री वा महाराज कालु थापा आत्रेय गोत्री बगाले थापा कुलके मूलपुरुष माने जाते हैं। थापा वंशावलीके अनुसार शक सम्वत ११११ (वि.सं. १२४६) में डोटीके काँडामालिकामें उनहोनें राज्यारोहण किया था।साँचा:Sfnसाँचा:Sfn म्याग्दी जिविसके अनुसार उन्होंने ताकम, म्याग्दीमैं राज्य स्थापना किया था और उनके वंशजने ३०० वर्षतक शासन किया था। [१] उनके बारेमें पौडेल वंशावलीमें भी लिखा गया है। उनके वंशके बारेमें "आत्रेय गोत्री त्रिप्रवर शुक्लयजुर्वेदी, धनुर्वेदी मध्यान्दिनी शाखाअध्यायी" योगी नरहरिनाथद्वारा लिखित इतिहास प्रकाशमें प्रकाशित थापा वंशावलीमे लिखा हैं।साँचा:Sfn

महाराज कालु थापा क्षत्री

किम्बदन्ति

कान्यकुब्ज (कन्नौज) क्षेत्रमा देवराजहरूले अखण्ड महायज्ञको यज्ञाग्निबाट ४ ब्रह्मज्ञानी चेला (पुरुष)हरूको उत्पत्ति गराएको दाबी थापा वंशावलीमा गरिएको छ। यज्ञको आगोबाट उत्पत्ति भएका क्षत्री बछराजाचार्य कन्नौजका महाराज बन्न पुगे। तिनै अभयनरसिंह राजकुमार बछराजलाई राजस्थापना (राज्यरोहण) गराउँँदा राजा बछराजस्थापा भनियो। उनी पर्वत्या (खस) क्षत्री र भयानक शरीर भएका राजकुमार थिए। त्यसैले कान्यकुब्ज क्षेत्रका राजाहरूले कन्या दिएनन् भने राजा माधवराज (राधामाधव) राजपुतले आफ्नी सुपुत्री शुभकन्या (वसुन्धरा)को विवाह तिनै बछराजस्थापासँग गराइदिए। तिनका सन्तान कालु थापा कन्नौजका राजा भए। उनले आत्रेयगोत्री ऋषिबाट शिक्षादिक्षा पाएका थिए।

थापा वंशावलीके एक कथनः {{quotation|... शक सम्वत ११११ सम्वत् १२४६ साल देषि थापाहरूका सन्तति कुलका आदि कालु थापा हुनः। ।१।। कालु थापाका चेला ४ जेठा पुन्याकर थापाः। । माहिँला तारापति थापाः। । साहिँला विरु थापाः। । कान्छा धर्मराज थापाः। । पुलामका जेठा हुनः। । ताकमका माहिँला हुनः। । रुकुमकोटका साहिँला हुनः। । जमरिकका कान्छा जशोधर (धर्मराज) हुनः तिनले जमरिकमा राज्य पनि गर्याः ताहाँ देषि तिनी आयाका हुनः। ।२।।...साँचा:Sfn}

सन्दर्भ