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साँचा:सफ़ाई स्क्रिप्ट त्रुटि: "Infobox" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। {{template other|{{#ifeq: कालु थापा क्षत्री}}infobox|{{#ifeq:{{strleft कालु थापा क्षत्री|7}}|Infobox [[Category:Infobox templates|{{remove first word|कालु थापा क्षत्री}}}}}}</noinclude> {{#ifeq: कालु थापा क्षत्री | sandbox
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किम्बदन्ति
कान्यकुब्ज (कन्नौज) क्षेत्रमा देवराजहरूले अखण्ड महायज्ञको यज्ञाग्निबाट ४ ब्रह्मज्ञानी चेला (पुरुष)हरूको उत्पत्ति गराएको दाबी थापा वंशावलीमा गरिएको छ। यज्ञको आगोबाट उत्पत्ति भएका क्षत्री बछराजाचार्य कन्नौजका महाराज बन्न पुगे। तिनै अभयनरसिंह राजकुमार बछराजलाई राजस्थापना (राज्यरोहण) गराउँँदा राजा बछराजस्थापा भनियो। उनी पर्वत्या (खस) क्षत्री र भयानक शरीर भएका राजकुमार थिए। त्यसैले कान्यकुब्ज क्षेत्रका राजाहरूले कन्या दिएनन् भने राजा माधवराज (राधामाधव) राजपुतले आफ्नी सुपुत्री शुभकन्या (वसुन्धरा)को विवाह तिनै बछराजस्थापासँग गराइदिए। तिनका सन्तान कालु थापा कन्नौजका राजा भए। उनले आत्रेयगोत्री ऋषिबाट शिक्षादिक्षा पाएका थिए।
थापा वंशावलीके एक कथनः {{quotation|... शक सम्वत ११११ सम्वत् १२४६ साल देषि थापाहरूका सन्तति कुलका आदि कालु थापा हुनः। ।१।। कालु थापाका चेला ४ जेठा पुन्याकर थापाः। । माहिँला तारापति थापाः। । साहिँला विरु थापाः। । कान्छा धर्मराज थापाः। । पुलामका जेठा हुनः। । ताकमका माहिँला हुनः। । रुकुमकोटका साहिँला हुनः। । जमरिकका कान्छा जशोधर (धर्मराज) हुनः तिनले जमरिकमा राज्य पनि गर्याः ताहाँ देषि तिनी आयाका हुनः। ।२।।...साँचा:Sfn}