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सायबॉर्ग

भारतपीडिया से
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साँचा:आज का आलेख

Unknown engraver - Humani Victus Instrumenta - Ars Coquinaria - WGA23954.jpg

सायबॉर्ग ऐसे काल्पनिक मशीनी मानव होते हैं, जिनका आधा शरीर मानव और आधा मशीन का बना होता है। ऐसे मानव विज्ञान के क्षेत्र और विज्ञान गल्प में दिखाये जाते हैं, व फिल्म प्रेमियों द्वारा हॉलीवुड की स्टार ट्रेक और अन्य विज्ञान फंतासी फिल्मों इनका प्रदर्शन किया जाता रहा है।[१] इस शब्द का पहली बार प्रयोग १९६० में मैन्फ्रेड क्लिंस और नैथन क्लाइन ने बाहरी अंतरिक्ष में मानव-मशीनी प्रणाली के प्रयोग के संदर्भ के एक आलेख में किया था। इसके बाद १९६५ में डी.एस. हेलेसी ने अपनी पुस्तक सायबॉर्ग : एवोल्यूशन ऑफ द सुपरमैन में इस बारे में कुछ अलग तरीके से प्रस्तुत किया। इस प्रकार सायबॉर्ग की परिकल्पना एक ऐसे जीवित प्राणी की है जिसमें तकनीक के कारण कुछ असाधारण क्षमताएं उपलब्ध होती हैं।[२]

विज्ञान कथाओं और फिल्मों में सायबॉर्ग के संबंध में मानवीय और मशीनी अंतर्द्वद्व को दर्शाया गया है। कथा-जगत और फिल्मों में दिखाए जाने वाले सायबॉर्ग प्रायः मानवों से बिल्कुल अलग दिखाए जाते हैं। उन्हें अधिकतर योद्धाओं की छवि वाला दिखाया जाता है। इसके अतिरिक्त बौद्धिक स्तर पर भी वे मानव से बेहतर दिखाए जाते हैं। इसके विपरीत, असली सायबॉर्ग वे जीवित प्राणी होते हैं जो किसी शारीरिक या मानसिक कमी को दूर करने के लिए साइबर्नेटिक्स तकनीक का प्रयोग किया जाता है। साधारणतया सायबॉर्ग को मानव से ही जोड़कर देखा जाता है, लेकिन वे कोई भी जीव हो सकते हैं।[२] हॉलीवुड की फिल्म टर्मिनेटर सैल्वेशन में सैम वर्थटिंगटन ने एक साइबोर्ग की भूमिका निभायी है। फिल्म में वह वास्तव में मानव अंगों वाला एक साईबोर्ग है, जिसमें एक यांत्रिक इंडोस्केलेटन, सर्किट व्यवस्था और एक आंशिक रूप से कृत्रिम मस्तिष्क प्रांतस्था उपस्थित है, एवं वह स्वयं को मनुष्य मानता है।[३][४]

कुछ परिभाषाओं में शरीर में लगाए गए किसी भी उपकरण यानी पेसमेकर या इंसुलिन पंप के बाद उस व्यक्ति को सायबॉर्ग कहा जा सकता है क्योंकि यह उपकरण जैविंक अंगों की कार्यक्षमता में वृद्धि करते हैं। लेकिन इस बारे में भिन्न वैज्ञानिकों के भिन्न मत हैं। उनकी राय में सायबॉर्ग के कई प्रकार हो सकते हैं जैसे व्यक्ति और सामाजिक।[२] पहले प्रकार में किसी व्यक्ति के शरीर में लगे तकनीकी उपकरण उसकी क्षमता बढ़ाते हैं जबकि दूसरी श्रेणी में विशाल तंत्रजाल, शहरों का परिवहनयातायात, बाजरों आदि को शामिल किया जाता है।

सन्दर्भ

  1. साँचा:Cite web
  2. २.० २.१ २.२ सायबॉर्ग साँचा:Webarchive। हिन्दुस्तान लाइव। १४ मार्च २०१०
  3. टर्मिनेटर साल्वेशन साँचा:Webarchive-अंग्रेज़ी विकिपीडिया
  4. सिल्वर स्क्रीन पर 1200 करोड़ रु. का अवतार साँचा:Webarchive। हिन्दुस्तान लाइव। १७ दिसम्बर २००९