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स्क्रिप्ट त्रुटि: "Infobox" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। {{template other|{{#ifeq: दुर्जन साल}}infobox|{{#ifeq:{{strleft दुर्जन साल|7}}|Infobox [[Category:Infobox templates|{{remove first word|दुर्जन साल}}}}}}</noinclude> {{#ifeq: दुर्जन साल | sandbox
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}}साँचा:Template otherसाँचा:Documentation/start box2 {{#switch: {{#if:|1|0}}{{#if:|1|0}}{{#ifexist:|1|0}}{{#ifexist:साँचा:Documentation/docspace:साँचा:Documentation/template page/doc|1|0}} | 1000 | 1001 | 1010 | 1011 | 1100 | 1101 | 1110 | 1111 = | 0110 | 0111 = {{ {{{1}}} }} | 0001 | 0011 = {{ साँचा:Documentation/docspace:साँचा:Documentation/template page/doc }} | 0000 | 0100 | 0010 | 0101 = }} साँचा:Documentation/end box2 </noinclude>{{#if:|}}स्क्रिप्ट त्रुटि: "Check for unknown parameters" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। दुर्जन साल मध्य काल में खुखरागढ़ के नागवंशी राजा थे।
नागवंशी सिंहासन पर आसीन होने के तुरंत बाद, उन्होंने मुगलों से सारे सम्बन्ध तोड़ दीये। दुर्जन सल का स्वतंत्र रवैया और हिरा पाने कि सम्भावना में जहाँगीर ने दुर्जन साल के खिलाफ अभियान का आदेश देता है। दुर्जन साल को गिरफ्तार कर लिया जाता है और उनसे हीरे ले लिए जाते। उनको ग्वालियर की जेल भेज दिया जाता है, वे 12 साल जेल में रहते हैं। असली हीरे की पहचान करने के अपने कौशल के कारण, जहाँगीर उनहें 1627 में रिहा कर देते हैं। लौटने के बाद वे अपनी राजधानी खुखरा से (नवरतनगड़)डोईसागड़ स्थानांतरित करते हैं। वहां वे किले का निर्माण कराते हैं, जिसे गुमला में नवरतनगड़ के नाम से भी जाना जाता है।[१][२][३][४]