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ऐड्रास्टीया (यूनानी: Αδράστεια, अंग्रेज़ी: Adrastea) बृहस्पति ग्रह का दूसरा सब से अंदरूनी उपग्रह है। इस उपग्रह की खोज १९७९ में वॉयेजर द्वितीय द्वारा ली गयी तस्वीरों का अध्ययन कर के की गई थी। यह उपग्रह बृहस्पति के मुख्य छल्ले के किनारे पर स्थित है और मन जाता है कि इसी उपग्रह से उभरी हुई धुल उस छल्ले को बनाने में एक मुख्य भूमिका अदा करती है। यह बृहस्पति की परिक्रमा उस ग्रह से १,२९,००० किमी की दूरी पर करता है। ऐड्रास्टीया बृहस्पति के इतना पास होने से और उस ग्रह की तुलना में बहुत छोटा होने से बृहस्पति की स्थिरमुखी परिक्रमा करता है, यानि परिक्रमा करते हुए ऐड्रास्टीया का एक ही रुख़ हमेशा बृहस्पति की ओर होता है।[१]
अकार और रंग-रूप
ऐड्रास्टीया का अकार बेढंगा है और उनका माप २० - १६ - १४ कीमी है (लम्बाई, चौड़ाई, गहराई)। वैज्ञानिक अंदाज़ा लगते हैं कि यह अधिकतर पानी की बर्फ का बना हुआ है।[२] इस से अधिक इस उपग्रह के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
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- ↑ Jupiter odyssey: the story of NASA's Galileo mission, David M. Harland, Springer, 2000, ISBN 978-1-85233-301-0
- ↑ The grand tour: a traveler's guide to the solar system, Ron Miller, William K. Hartmann, Workman Pub., 1993, ISBN 978-1-56305-031-2