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रसल की चायदानी

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साँचा:Expand English रसल की चायदानी (साँचा:Lang-en) या आकाशीय चायदानी, बर्ट्रैंड रसल (१८७२-१९७० ई.) द्वारा गढ़ा गया एक उपमान है। इसका यह दरशाने के लिये प्रयोग किया जाता है की दर्शनशास्त्रिय सबूत का बोझ उस व्यक्ति पर है जो वैज्ञानिक दृष्टि से झूठाया न जा सकने वाला दावा कर रहा हो। इस उपमान का उपयोग विशेष रूप से धर्म के मामले में किया जाता है।[१] "क्या भगवान हैं?" नामक लेख में रसल कहते हैं: साँचा:Quote १९५८ ई. में रसल अपनी नास्तिकता के लिए इस उपमान को कारण बताते हैं: साँचा:Quote

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

साँचा:टिप्पणीसूची

साँचा:धर्म की आलोचना

  1. Fritz Allhoff,Scott C. Lowe. The Philosophical Case Against Literal Truth: Russell's Teapot // Christmas - Philosophy for Everyone: Better Than a Lump of Coal. — John Wiley and Sons, 2010. — Т. 5. — P. 65-66. — 256 p. — (Philosophy for Everyone). — ISBN 9781444330908.