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हमारे सौर मण्डल के पाँचवे ग्रह बृहस्पति के 79 ज्ञात उपग्रह हैं जिनकी परिक्रमा की कक्षाएँ परखी जा चुकी हैं और स्थाई पायी गयी हैं।[१] यह संख्या सौर मण्डल के किसी भी अन्य ग्रह से अधिक है।[२] इन उपग्रहों में से चार चन्द्रमा काफी बड़े आकार के हैं - गैनिमीड, कलिस्टो, आयो और यूरोपा। इनकी खोज गैलीलियो गैलिली ने सन् 1610 में की थी इसलिए इन चारों को बृहस्पति के गैलिलीयाई चन्द्रमा भी कहा जाता है। यह चार पहले उपग्रह थे जो पृथ्वी से अन्य किसी ग्रह की परिक्रमा करते पाए गए थे। इन चारों का व्यास (डायामीटर) 3,100 कि॰मी॰ से अधिक है। बृहस्पति के बाक़ी किसी भी उपग्रह का व्यास 250 कि॰मी॰ से अधिक नहीं और अधिकतर तो 5 कि॰मी॰ से भी कम का व्यास रखते हैlolipopo
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
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