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विद्युतचुंबकीय तरंगें जिनकी आवृत्ति टैरा हर्ट्ज़ (१० पर १२ घात) के कोटि (order) की होती हैं, उन्हें टेरा हर्ट्ज़ विकिरण या टी तरंगें, टैरा हर्ट्ज़ तरंग या प्रकाश, टी-प्रकाश, टी-लक्स आदि कहा जाता है। इनकी आवृत्ति 300 gigahertz (3x1011 हर्ट्ज़) से 3 टैरा हर्ट्ज़ (3x1012 Hz), के मध्य होती है; तदनुसार इनकी तरंग दैर्घ्य 1 मिलिमीटर (सूक्ष्म तरंग पट्टी का उच्चावृत्ति सिरा) एवं 100 माइक्रोमीटर (सुदूर अधोरक्त प्रकाश का तरंग दैर्घ्य सिरा) के बीच होता है।
उपयोग
- इनका उपयोग करके ऐसे कैमरे बनाये जा सकते हैं जो २५ मीटर की दूरी से ही शरीर के भीतर छिपाकर रखे गये हथियारों एवं विस्फोटकों आदि का पता लगा सकते हैं (थ्रू-विजन कैमरा) किन्तु इससे शरीर की बनावट नहीं दिखेगी।
- टी-रे तकनालाजी का इस्तेमाल खगोलशास्त्री टूटते सितारों के अध्ययन के लिए काम में लाते हैं।
- ये किरणें कपड़े, काग़ज, चीनी मिट्टी और लकड़ी को भेद कर उसके नीचे देख सकती हैं लेकिन धातु और जल के आरपार नहीं देख पातीं।
- एक्स-किरणों से जो ख़तरनाक रेडियोधर्मी किरणें निकलती हैं; टी-किरणें उसके मुक़ाबले कहीं अधिक सुरक्षित है।