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अयनांत

भारतपीडिया से
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उत्तरी गोलार्द्ध में उत्तर अयनांत

अयनांत / अयनान्त (अंग्रेज़ी:सोलस्टिस) एक खगोलीय घटना है जो वर्ष में दो बार घटित होती है जब सूर्य खगोलीय गोले में खगोलीय मध्य रेखा के सापेक्ष अपनी उच्चतम अथवा निम्नतम अवस्था में भ्रमण करता है। विषुव और अयनान्त मिलकर एक ऋतु का निर्माण करते हैं। इसे संक्रान्ति तथा सम्पात इन संज्ञाओं से भी जानते हैं | विभिन्न सभ्यताओं में अयनान्त को ग्रीष्मकाल और शीतकाल की शुरुआत अथवा मध्य बिन्दु माना जाता है।[१]

21 जून को दोपहर को जब सूर्य कर्क रेखा पर सिर के ठीक ऊपर रहता है, इसे उत्तर अयनान्त या कर्क संक्रांति कहते हैं। इस समय उत्तरी गोलार्ध में सर्वाधिक लम्बे दिन होते हैं और ग्रीष्म ऋतु होती है जबकि दक्षिणी गोलार्ध में इसके विपरीत सर्वाधिक छोटे दिन होते हैं और शीत ऋतु का समय होता है। मार्च और सितम्बर में जब दिन और रात्रि दोनों १२-१२ घण्टों के होते हैं तब उसे विषुवदिन कहते हैं.

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सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ

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