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साँचा:Infobox religious biography जियाउर्रहमान आज़मी या जियाउर रहमान आज़मी (जन्म: 1943-2020; अंग्रेज़ी:Dhiya Ur-Rahman Azmi मुस्लिम लेखक, विद्वान और प्रोफेसर थे जो भारत के आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश से अरब में जाकर बस गए और जिन्होंने इस्लामी विश्वविद्यालय मदीना में हदीस के डीन के रूप में भी कार्य किया था।
व्यक्तिगत जीवन
लेखक के कथनुसार उन का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था और उनका नाम बांकेलाल था, जो उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ के पास एक गाँव बिलरिया गंज में था। 16 साल की उम्र में, उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया[१][२] वह अपने गृहनगर से जामिया दारुस्सलाम, ओमेराबाद तक चले गए जहाँ उन्होंने लगभग 5 वर्षों तक कुरआन और हदीस का अध्ययन किया और अरबी और इस्लामी अध्ययन में डिग्री हासिल की। इस्लामिक विश्वविद्यालय मदीना से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। मक्का में किंग अब्दुल अजीज विश्वविद्यालय से मास्टर की पढ़ाई पूरी की और अल-अजहर विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
उन्हें इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ मदीना में प्रोफेसर नियुक्त किया गया था। उन्हें सउदी अरब की नागरिकता प्रदान की गई थी।उन्होंने विश्वविद्यालय में विभिन्न पदों पर कार्य किया। वह विश्वविद्यालय में हदीस खंड के डीन थे जब उनकी मृत्यु 30 जुलाई 2020 को हुई थी।[३]
पुस्तकें
आज़मी ने अपनी आत्मकथा सहित 20 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया। उनकी सबसे प्रसिद्ध पुस्तक "अल-जमील कामिल फ़ी अल-हदीथ अस-साहिह अल-शामिल" जिसमें सभी प्रामाणिक अहादीथ का संग्रह है।
हिंदी में "कुरआन मजीद की इन्साइक्लोपीडिया", और "क़ुरआन की शीतल छाया में" लिखी जो उर्दू और मराठी में भी प्रकाशित हुई।[४]
बाहरी कड़ियाँ
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "कुछ लेखक के बारे में", पुस्तक "इस्लाम की शीतल छाया में", पृष्ठ 10 https://archive.org/details/QuranKiSheetalChaya
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ कुरआनच्या' शीतल छायेत https://archive.org/details/quranachyasheetalchhayet