More actions
रहरास साहिब (अथवा रहिरास, रेहरास) सिखों द्वारा शाम के समय की जाने वाली प्रार्थना है। इस प्रार्थना को पाँच गुरुओं गुरु नानक देव जी, गुरु अमरदास जी, गुरु रामदास जी, गुरु अर्जन देव जी और गुरु गोविंद सिंह जी ने बनाया है। मूल प्रार्थना जिसे सिखों के पहले गुरु, गुरू नानक देव जी ने लिखा व बोला था। बाद में अन्य गुरुओं ने अपनी पंक्तियाँ जोडीं। हर पंक्ति ईश्वर के विभिन्न विचारों व पहलुओं पर प्रकाश डालती है व सर्वशक्तिमान की आराधना करती है। रहिरास दिन के अंत में गायी जाती है। इसका उद्देश्य दिन के कार्य खत्म करने के बाद गायक में एक नई उर्ज़ा भरने के लिए होती है। इसका उद्देश्य ईश्वर की प्रार्थना करके शारीरिक कमजोरी, थकान, गरीबी, जमीन-जायदाद, निराशा, असफलता जैसे विचारों से छुटकारा पाकर स्वयँ में एक नई उर्जा का संचार करना होता है। कहते हैं कि इसमें बैयन्टी चौपाई गुरु गोविन्द सिंह जी द्वारा गायी हुई उनकी व्यक्तिगत प्रार्थना है जो प्रकृति के जल तत्व से संबंधित है। साँचा:सिख धर्म आधार