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साँचा:Infobox क्रान्तिकारी जीवनी
अजय कुमार घोष (साँचा:Lang-bn) (20 फ़रवरी 1909–13 जनवरी 1962[१]) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के लीडर थे।[२]ये हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकलन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य रहे तथा 1928 ई. में सरदार भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु एवं बटुकेश्वर दत्त के साथ कारावास गए एवं लाहौर काण्ड में इन्हें भी अभियुक्त के रूप में सज़ा दी गई। 1933 ई. में इन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी से स्वयं को जोड़ लिया तथा 1951 ई. में इन्हें इसका महासचिव निर्वाचित किया गया। 1934, ई. में इन्हें सीपीआई का केन्द्रीय कमेटी सदस्य और 1936 में पोलितब्यूरो सदस्य निर्वाचित किया गया। 1951 ई. में इन्हें इसका महासचिव निर्वाचित किया गया।
आरंभिक जीवन
अजय घोष का जन्म 20 फ़रवरी 1909 को मिहजम में हुआ। जहां अजय नाम की एक नदी है। उनके बाबा ने उस नदी के नाम पर ही उनका नाम अजय रख दिया था। अजय घोष के पिता का नाम शचीन्द्र नाथ घोष पेशे से डाक्टर थे और माँ का नाम सुधान्शु बाला था। अजय चार भाई और दो बहन थे। इस ने इलाहाबाद से बीएससी पास किया था। वह अभी स्कूल में ही पढ़ रहे थे, उनकी मुलाकात भगत सिंह से हुई। उन्हों ने अंग्रेजी सरकार को सशस्त्र क्रान्ति के जरीए उखाड़ फेंकने के लिए हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन बनाई।