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गौशाला

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आन्ध्र प्रदेश के गुण्टुर की एक गौशाला

गाय पालन के लिए प्रयुक्त घर गौशाला कहलाता है। हिन्दू धर्म में गाय को माता माना जाता है और उसकी हर तरह से सेवा एवं रक्षा करना पुण्य कर्म माना जाता है। भारत में बहुत गौशालाऐं हैं इन्हें संचालित करने के लिए सरकार भी धन देती है तथा गऊ प्रेमी भी दान करते हैं कुछ धनी व्यक्ति भी गौशाला चलाते हैं। गौशाला ज्यादातर भारत के गाँवो में ही होती हैं। आज भी भारत के गाँव के लोग सुबह जब रोटी बनाते हैं, तो तवे से निकली पहली रोटी गाय को खिलाते है, उसके बाद अपने बच्चों और परिवार को देते हैं।

गौशाला में काम करने के चमत्कारिक लाभ

  • अगर आप मानसिक रूप से ग्रसित हैं, या बहुत ज्यादा तनाव में हैं, तो एकबार अपने गांव/शहर की नजदीकी

गौशाला में जाकर गाय का चेहरा देखे, उसकी आँखों में देखे, उसके बछड़े को देखे, आपका तनाव पलभर में दूर हो जायेगा। क्योंकि गाय में प्रेम, वात्सल्य, ममत्व है।

  • गौशाला में काम करने से आपको शुद्ध पंचगव्य खाने को मिलेंगा। पंचगव्य का मतलब गाय का दूध, दही, घी वह छाछ। अगर आप शरीर से कमजोर तो आपका पूरा कायाकल्प हो जायेगा।
  • जब आप गौशाला में गोबर साफ करोंगे, गोमूत्र की खुश्बू को सूँगोगे, तो यकीन मानिए, आपको कभी त्वचा रोग नही होंगा इसके अलावा कैंसर जैसी भयानक बीमारी आपको नही होंगी, अगर आप थोड़ा गोमूत्र भी पी लेते हैं तो।
  • जब भगवान श्रीकृष्ण गौसेवा कर सकते हैं, तो आप क्यों नही ?

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