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महाथिर मोहमद

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महाथिर बिन मोहमद, (जावी: محضير بن محمد; अंग्रेजी: Mahathir bin Mohamad; जन्म 10 जुलाई 1925) एक मलेशियाई राजनेता है। वर्तमान में वे मलेशिया के सातवें प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत है। वे केदाह में लैंगकावी निर्वाचन क्षेत्र से मलेशिया के संसद के सदस्य हैं। उन्होंने 1981 से 2003 तक चौथे प्रधान मंत्री के रूप में कार्यभार सम्भाल चुके है, जोकि सबसे लम्बे कार्यकाल के लिये जाना जाता है। 1946 में नव निर्मित संयुक्त मलेशिया राष्ट्रीय संगठन (यूएमएनओ) में से अपनी राजनैतिक शुरूआत से लेकर 2016 में अपनी खुद की पार्टी पिब्रुमी बरसातु मलेशिया (मलेशियाई यूनाइटेड इंडिगेनस पार्टी) बनाने के बीच तक उनका राजनैतिक कार्यकाल ७० वर्षो तक पहुच गया है।

2018 में हुए चुनाव में उनकी पार्टी के निर्णायक जीत के बाद, महाथिर ने 10 मई 2018 को मलेशिया के सातवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। 92 की आयु में, वे दुनिया का सबसे अधिक आयु के प्रधानमंत्री है।[१]

प्रारंभिक जीवन और चिकित्सक के रुप में

महाथिर का जन्म 10 जुलाई 1925 को लोरोंग किलंग ऐस, सेबरांग पेराक, केदाह राज्य की राजधानी अलोर सितार, ब्रिटिश मलाया में हुआ था। वे अपने नौ भाई बहनों में से सबसे छोटे थे, और उन्हें केक डेट उपनाम से जाना जाता था।[२] महाथिर के पिता मोहम्मद बिन इस्कंदर पेनांग से थे,,[३] उनके पूर्वज दक्षिण भारतीय राज्य केरल से आकर बसे थे। वे अलोर सितार के एक अंग्रेजी स्कूल (अब मकतब सुल्तान अब्दुल हामिद) के पहले मलय हेडमास्टर थे और बाद में प्रधान अध्यापक बने।

महाथिर एक मेहनती छात्र थे। अपने पिता के कड़े अनुशासन ने उन्हें अध्ययन की ओर प्रेरित किया, और उन्होंने खेल में कम रुचि दिखाई। उन्होंने 1930 में सेबरांग पेरक मलय बॉयज़ स्कूल से अपनी प्राथमिक शिक्षा शुरू की।.[२] 1933 में अपनी माध्यमिक शिक्षा, अंग्रेजी माध्यमिक विद्यालय से की। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मलाया पर जापानी कब्जे के दौरान स्कूलों के बंद होने के बाद, वह कॉफी और अन्य खाद्य पदार्थ बेचने के व्यवसाय में चले गये।[४] युद्ध के बाद, उन्होंने दिसंबर 1946 में सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षाओं को पूरा कर माध्यमिक विद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की[२] और सिंगापुर के किंग एडवर्ड सप्तम कॉलेज ऑफ मेडिसिन (अब सिंगापुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय का हिस्सा) में चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए गये।[५] जहां उनकी मुलाकात अपनी भावी पत्नी और साथी चिकित्सा छात्र सिती हस्मा मोहम्मद अली से हुई। स्नातक होने के बाद, महाथिर ने 1956 में शादी से पहले सरकारी सेवा में डॉक्टर के रूप में कार्य किया। वह अगले वर्ष अलोर सितार लौट आए और अपनी खुद की चिकित्सा अभ्यास स्थापित किया। शहर में एकमात्र मलाय डॉक्टर के रूप में वे काफी सफल रहें और उन्होनें बहुत धन कमाया। 1957 में, उनका पहला बच्चा मरीना हुई, बाद में तीन अन्य बच्चे हुए व तीन बच्चो को उन्होनें गोद लिया।[६]

प्रारंभिक राजनीतिक करियर

मलाया से जापानी कब्जे के अंत के बाद से ही महाथिर राजनीति में सक्रिय थे, जब वे अल्पकालिक मलयान संघ शासन के दौरान गैर-मलेशियाई को नागरिकता प्रदान करने के विरोध में शामिल हो थे।[७] 1964 के आम चुनावों में, वे कोटा सेटर सेलतान की अलोर सितार से सांसद के रूप में निर्वाचित हुए।[८] हालांकि उनका तब के तात्कालिन प्रधानमंत्री अब्दुल रहमान के साथ कई मतभेद रहे। अब्दुल रहमान के 1970 में इस्तीफा के बाद अब्दुल रजाक हुसैन नये प्रधानमंत्री बने। रजाक ने महाथिर को पार्टी में वापस ले आये, और उन्हें 1973 में सीनेटर के रूप में नियुक्त किया।[९] वह जल्दी ही रजाक सरकार में शक्तिशाली बन गये, और 1974 में वे मंत्रिमंडल में शिक्षा मंत्री के रूप में शामिल हो गये। उन्होंने मंत्रालय में अपने कार्य के दौरान अधिकांश समय विदेशी दौरे के माध्यम से मलेशिया को बढ़ावा देते रहे। रजाक बाद बने प्रधानमंत्री हुसैन ऑनन के कार्यकाल में वे उप-प्रधानमंत्री बनाये गये।[१०][११]

हालांकि, महाथिर एक अप्रभावशाली उप प्रधानमंत्री रहे। हुसैन एक सजग राजनेता थे, उन्होंने महाथिर के कई साहसिक नीति प्रस्तावों को खारिज कर दिया। हुसैन और महाथिर के बीच का रिश्ता खटास से भरा था, वही गजली और रजलेघ, हुसैन के सबसे करीबी सलाहकार बन रहे। फिर भी, जब हुसैन ने 1981 में बीमार स्वास्थ्य के कारण सत्ता छोड़ दी, तो उन्होनें महाथिर को ही अपना उत्तराधिकारी बनाया।

प्रधानमंत्री के रूप में पहला कार्यकाल

16 जुलाई 1981 को 56 वर्ष की आयु में महाथिर ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।[१२] उनके पहले कार्यों में से एक आंतरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत बंदी बनाये गये 21 को रिहा करना था, जिसमें पत्रकार समद इस्माइल और हुसैन की सरकार के पूर्व मंत्री अब्दुल्ला अहमद शामिल थे, जिन पर भूमिगत कम्युनिस्ट होने का संदेह था।[१३] उन्होंने अपने करीबी सहयोगी मुसा हितम को अपना उप-प्रधानमंत्री नियुक्त किया।[१४]

आर्थिक मोर्चे पर, महाथिर को अपने पूर्ववर्तियों से नई आर्थिक नीति (एनईपी) विरासत में मिली, जिसे कॉर्पोरेट स्वामित्व और विश्वविद्यालय प्रवेश जैसे क्षेत्रों में लक्ष्य और सकारात्मक कार्रवाई के माध्यम से बूमिपुटेरा (मलेशिया के मलाया और मूलनिवासी लोगों) की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए रूप-रेखा बनाई गई थी।[१५] 1990 में मलेशियाई नई आर्थिक नीति (एनईपी) की समाप्ति से महाथिर को मलेशिया के लिए अपनी आर्थिक दृष्टि को रेखांकित करने का अवसर मिला। 1991 में, उन्होंने विजन 2020 की घोषणा की, जिसके तहत मलेशिया को 30 वर्षों के भीतर एक पूर्ण विकसित देश बनाने का लक्ष्य रखा गया। सरकार ने आर्थिक लहर पर सवार होकर 1995 के चुनाव में भी बहुमत हासिल किया।.[१६]

1997 में थाईलैंड से शुरू हुए एशियाई वित्तीय संकट, मलेशिया में भी अपनी दस्तक देने लगा। मुद्रा सट्टेबाज़ी के कारण रिंग्गित का मूल्य घट गया, विदेशी निवेशक भागने लगे, और मुख्य स्टॉक एक्सचेंज इंडेक्स 75% से अधिक टूट गया। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के आग्रह पर, सरकार ने सरकारी खर्च में कटौती की और ब्याज दरों में वृद्धि की, जिसने केवल आर्थिक स्थिति को और खराब करने का काम किया। 1998 में, महाथिर ने अपने डिप्टी अनवर के सुझाव पर, आईएमएफ की नीति को उलट दिया। उन्होंने सरकारी खर्च में वृद्धि की और रिंग्गित को अमेरिकी डॉलर कि तुलना में एक तय राशि में स्थिर कर दिया। परिणाम ने उनके अंतरराष्ट्रीय आलोचकों और आईएमएफ को चौका दिया। मलेशिया अपने दक्षिणपूर्व एशियाई पड़ोसियों की तुलना में संकट से तेजी से उभर गया। घरेलू क्षेत्र में, यह एक राजनीतिक जीत थी। 1998 की आर्थिक घटनाओं के दौरान, महाथिर ने अनवर को वित्त मंत्री और उप-प्रधानमंत्री के रूप में बर्खास्त कर दिया, और अब वे अनवर की नीतियों के द्वार अर्थव्यवस्था को बचाने का दावा खुद के लिये कर सकते थे।[१७]

2002 में यूएमएनओ की आम सभा में, महाथिर ने घोषणा की कि वह प्रधानमंत्री के से इस्तीफा दे देंगे, और उन्होंने अक्टूबर 2003 में अपनी सेवानिवृत्ति की तारिख तय की, जिससे उन्हें अपने उत्तराधिकारी अब्दुल्ला बदावी को व्यवस्थित करने का समय मिल सके। कार्यालय में 22 साल से अधिक समय व्यतीत करने के बाद, महाथिर सेवानिवृत्त होने के बाद दुनिया का सबसे लंबे समय तक निर्वाचित नेता थे। वह मलेशिया के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री हैं।

सेवानिवृत्ति

अपनी सेवानिवृत्ति पर, महाथिर को "ग्रैंड कमांडर ऑफ द डिफेंडर ऑफ़ द रियलिम" नाम दिया गया था, जिससे उन्हें "तुन" का खिताब अपनाने की इजाजत मिली।[१८] उन्होंने अब्दुल्ला के मंत्रिमंडल में एक प्रमुख पद को खारिज करते हुए, राजनीति को "पूरी तरह से" छोड़ने का वचन दिया।[१९]

राजनीति में वापसी

2015 में "1 मलेशियाई विकास बेरहाद घोटाले" के चलते, महाथिर प्रधानमंत्री नजीब रज़ाक की सरकार के मुखर आलोचक बने।[२०] उन्होंने कई बार नजीब को इस्तीफा देने के लिए कहा।[२१] 30 अगस्त 2015 को, वह और अपनी पत्नी सिती हस्मा समैत "बर्सिह 4 रैली" में शामिल हुए, जिसमें हजारों लोगों ने नजीब के इस्तीफे के लिए प्रदर्शन किया था।[२२]

2016 में, महाथिर ने कई विरोध प्रदर्शनों को बढ़ावा दिया, जो नजीब को हटाने के लिए पाकतन हरपन और गैर सरकारी संगठनों की मदद से नजीब के विरोधी मलेशियाई नागरिक कर रहे थे। [२३][२४] भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रतिक्रिया में नजीब ने अपने उप प्रधानमंत्री को बदल दिया, दो अख़बारों को निलंबित करके संसद के माध्यम से एक विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद विधेयक जोकि सत्ता पर उनकी पकड़ को मजबूत और प्रधानमंत्री को अभूतपूर्व शक्तियों के साथ प्रदान करता, को पारित कराने में जुट गये।[२५][२६] जून 2016 में, महाथिर ने 2016 में सुंगई बेसार उप-चुनाव और 2016 कुआला कंगसर उप-चुनाव में पकातन हरपन के अमानाह उम्मीदवारों के लिए सक्रिय रूप से प्रचार किया।

2017 तक, महाथिर ने अपनी एक नई राजनीतिक पार्टी पंजीकृत करा ली और विपक्ष गठबंधन पाकतन हरपन में शामिल हो गये। उन्हें पाकतन हरपन के संभावित अध्यक्ष और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में प्रस्तावित किया गया। [२७]

प्रधानमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल

9 मई 2018 को फिर से उभरते हुए प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार महाथिर की अगुवाई में विपक्षी गठबंधन पाकतन हरपन ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। 10 मई 2018 को महाथिर ने मलेशिया के सातवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।[२८]

उल्लेखनीय विचार, टिप्पणियां और विवाद

यहूदी विरोधी टिप्पणियां

इज़राइल के एक तीखे आलोचक, महाथिर पर कम से कम 1970 की एक किताब के रूप में यहूदी-विरोधी[२९] का आरोप लगाया गया है जिसमें उन्होंने लिखा था कि "यहूदी केवल हुक-नाक नहीं हैं, बल्कि सहज रूप से पैसे को समझते हैं"।[३०] 2003 में कुआलालंपुर में आयोजित इस्लामिक सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के दौरान, उन्होंने यहूदियों पर "प्रॉक्सी द्वारा दुनिया पर शासन करने" और "दूसरों को उनके लिए लड़ने और मरने के लिए प्रेरित करने" का आरोप लगाया।[३१] 2012 में उन्होंने दावा किया कि उन्हें "सेमी-विरोधी करार दिए जाने पर खुशी हुई"[३२] और २०१८ बीबीसी के एक साक्षात्कार में उन्होंने इसी तरह के बयानों को दोहराया, साथ ही द होलोकॉस्ट में मारे गए यहूदियों की संख्या पर विवाद किया।[३३] महाथिर ने बोलने की आज़ादी के अभ्यास के रूप में यहूदियों के बारे में अपनी टिप्पणियों का बचाव किया है।[३४][३५]

2020 नाइस छुरा घोंपने और सैमुअल पेटी की हत्या के संबंध में सोशल मीडिया टिप्पणियां

29 अक्टूबर 2020 को, 2020 के नाइस छुरा घोंपने के बाद, मोहम्मद ने अपने ब्लॉग पर विवादास्पद टिप्पणी पोस्ट की। सैमुअल पेटी की हत्या के बारे में, महाथिर ने कहा कि यह "इस्लाम की शिक्षाओं" के खिलाफ था,[३६] और "हत्या एक ऐसा कार्य नहीं है जिसे एक मुसलमान के रूप में मैं स्वीकार करूंगा"।[३७] उन्होंने यह भी कहा: "फ्रांसीसी ने अपने इतिहास के दौरान लाखों लोगों को मार डाला है। कई मुसलमान थे। मुसलमानों को गुस्सा होने और अतीत के नरसंहारों के लिए लाखों फ्रांसीसी लोगों को मारने का अधिकार है। लेकिन कुल मिलाकर मुसलमान 'आंख के बदले आंख' कानून लागू नहीं किया है। मुस्लिम नहीं। फ्रांसीसियों को नहीं करना चाहिए। इसके बजाय फ्रांसीसी को अपने लोगों को दूसरे लोगों की भावनाओं का सम्मान करना सिखाना चाहिए।" बाद में महाथिर की पोस्ट को उनके ट्विटर अकाउंट पर प्रसारित किया गया।[३८][३९] उनके ट्वीट को बाद में ट्विटर ने "हिंसा का महिमामंडन" करने के लिए लेबल किया था।[४०][३९]

विरासत

देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों के लिए, महाथिर को बापा पेमोडेनान (आधुनिकीकरण के पिता) का खिताब दिया गया है।[४१] महाथिर का आधिकारिक निवास, सेरी परदाना, जहां वे 23 अगस्त 1983 से 18 अक्टूबर 1999 तक रहे थे, को संग्रहालय (गैलेरिया श्री पर्दाना) के रूप में बदल दिया गया है। विरासत संरक्षण के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए, श्री पर्दाना के मूल रचना और रूप-रेखा को संरक्षित किया गया है।

सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ

साँचा:NAMSecretary-General

  1. "मलेशिया में 61 साल में पहली बार विपक्षी गठबंधन, 92 साल के महाथिर दुनिया के सबसे उम्रदराज प्रधानमंत्री". दैनिक भास्कर. २०१८. मूल से 11 मई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १० मई २०१८.
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  37. "Malaysia's Mahathir says Muslims have 'right to kill millions of French people' if eye-for-eye logic is applied". Pakistan Today. अभिगमन तिथि October 30, 2020.
  38. Hodge, Amanda (October 30, 2020). "Muslims have right 'to kill millions of French people', says Mahathir Mohamad hours after France attack". The Australian. अभिगमन तिथि October 30, 2020.
  39. ३९.० ३९.१ "Muslims have 'right to punish' French, says Malaysia's Mahathir". Al Jazeera. 29 October 2020. मूल से 29 October 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 October 2020.
  40. "Twitter labels Mahathir's tweet on France for violating rules and 'glorifying violence'". WION. 29 October 2020. मूल से 29 October 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 October 2020.
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