पाकिस्तान ने १९६२ में फिल्मों पर प्रतिबन्ध लगाना चालू कर दिया था और जब मुहम्मद ज़िया उल-हक ने पाकिस्तान में इस्लामवाद को बढ़ावा देने के लिए कठोर अभिवेचन संहिता (censorship code) को लागू किया, तो १९७९ में प्रतिबन्धों को और कड़ा कर दिया गया।[१] भारतीय फिल्मों और मीडिया पर १९६५ से जो प्रतिबन्ध लगा था, वह २००८ में इस समझौते के साथ हटा लिया गया था कि पाकिस्तान के सिनेमाघरों को भारतीय और पाकिस्तानी फिल्मों को समान रूप से प्रदर्शन-समय देना चाहिए। वर्ष २०१६ में इस प्रतिबन्ध को पुनः लागू कर दिया और भारतीय फिल्मों तथा धारावाहिकों के प्रसारण पर पूर्णतः रोक लगा दी गयी, किन्तु इन फिल्मों और धारावाहिकों के चाहनेवाले VPN के सहायता से इन धारावाहिकों को यूट्यूब पर देख लेते हैं।[२][३]
इसे प्रतिबन्धित किया गया क्योंकि इसमें पाकिस्तान खेल प्राधिकरणों को अनुचित साधनों का उपयोग करते हुए दिखाया गया है।[१६]
2013
राञ्झणा
भारत
बॉलीवुड
इस पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया क्योंकि फिल्म में एक मुस्लिम लड़की को एक हिन्दू लड़के के साथ प्यार में पड़ने और उसके साथ सम्बन्ध में दिखाया गया है।[१७]
2013
G.I. Joe: Retaliation
संयुक्त राज्य अमेरिका
हॉलीवुड
फिल्म में पाकिस्तान को एक अस्थिर राज्य के रूप में चित्रित करने और "पाकिस्तान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर विदेशी आक्रमण" के काल्पनिक चित्रण के कारण फिल्म को प्रतिबन्धित कर दिया गया था।[१८]
बांग्लादेश की स्वाधीनता-सङ्ग्राम को पाकिस्तानी दृष्टिकोण के विपरीत दिखाने के लिए।[१९]
2014
हैदर (फिल्म)
भारत
बॉलीवुड
जम्मू-कश्मीर को भारत का भाग दिखाने का कारण प्रतिबन्धित कर दी गयी।[२०]
2014
Noah (2014)
संयुक्त राज्य अमेरिका
हॉलीवुड
एक अभिनेता द्वारा नूह (Noah) के चित्रण के कारण प्रतिबन्धित।[२१]
2015
दिनाङ्क
फिल्म का नाम
देश
फिल्म उद्योग
प्रतिबन्धित करने का कारण
2015
कैलेण्डर गर्ल्स (२०१५)
भारत
बॉलीवुड
फिल्म के एक संवाद पर आपत्ति के कारण पाकिस्तान ने प्रतिबन्ध लगा दिया।[२२][२३]
2015
फैण्टम (२०१५)
भारत
बॉलीवुड
हाफ़िज़ मुहम्मद सईद के जमात-उद-दावा द्वारा प्रतिबन्ध की माँग की गयी थी।[२४]फैण्टम हुसैन ज़ैदी की पुस्तक मुम्बई एवेञ्जर्स पर आधारित है जो कि २६/११ मुम्बई हमले पर आधारित है।[२५] लाहौर उच्च न्यायालय ने २० अगस्त २०१५ को फिल्म पर प्रतिबन्ध लगा दिया क्योंकि सन्धानीय सरकार चाहती थी कि हाफ़िज़ मुहम्मद सईद की याचिका को इसकी निरर्थकता के कारण खारिज कर दिया जाए और सरकार अनावश्यक रूप से शामिल नहीं होना चाहती क्योंकि पाकिस्तान में किसी ने भी फिल्म के प्रदर्शन के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र (NOC) नहीं माँगी थी।[२६][२७][२८] लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति शाहिद बिलाल हसन ने सरकार से पूछा कि प्रतिबन्ध के बाद फिल्म की CD को बाजार में बिकने से रोकने के लिए वह क्या कर सकती है ?[२९]
2015
बेबी (२०१५)
भारत
बॉलीवुड
मुसलमानों को आतङ्कवादियों के रूप में चित्रित करने के कारण प्रतिबन्धित[३०]
2015
बैङ्गिस्तान
भारत
बॉलीवुड
पाकिस्तान के केन्द्रीय फिल्म अभिवेचन मण्डल द्वारा दो आत्मघाती हमलावरों के बारे में फिल्म को प्रतिबन्धित कर दिया गया।[३१]
2016
दिनाङ्क
फिल्म का नाम
देश
फिल्म उद्योग
प्रतिबन्धित करने का कारण
2016
डिशूम
भारत
बॉलीवुड
प्रतिबन्ध लगा दिया गया क्योंकि फिल्म भारत और पाकिस्तान के मैच से पहले एक भारतीय क्रिकेटर के अपहरण के बारे में बात करती है।[३२]
Banned due to its "objectionable" content, as "the content undermines Islam, and a specific religious sect, (It also) portrays some Muslims as criminals, wanted persons, and terrorists".[४५]
The Central Board of Film Censors, Pakistan, refused to give a No Objection Certificate to the film and said, "we cannot allow a film whose name, subject, and story are not acceptable yet in our society." They disallowed the Pakistani film distributors IMGC and HKC to purchase the film rights and stated that they were "ruining Islamic traditions, history, and culture."[४६][४७][४८]
Ban imposed so that four big banner Pakistani films and other smaller regional language releases on Eid do good business without competition from Bollywood movies.[५२]