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जर्मन रोमान्तिका

भारतपीडिया से
बच्चे के पीठ पर जर्मन रोमान्तिका के दाने

जर्मन रोमान्तिका या जर्मन मसूरिका (German measles या Rubella) अत्यंत सूक्ष्म विषाणु (वाइरस) द्वारा होता है जिसका नाम रुबेला (Rubella) है। वर्ष के पूर्वार्ध में प्रकोप अधिक होता है। दाने निकलने के पूर्व अत्यत संक्रामक होता है। उद्भवन काल १७-१८ दिनों का होता है। जटिलताओं की संभावना कम होती है। एक आक्रमण जीवनपर्यंत रोग प्रतिशोधक शक्ति उत्पन्न कर देता है। साधारणता बड़े बच्चे तथा किशोर ही इस रोग के शिकार होते हैं।

प्रथम २४ घंटों में ही दाने निकल आते हैं तथा संपूर्ण शरीर पर फैल जाते हैं। चेहरे तथा गर्दन से प्रारंभ होकर, ये दाने वक्ष, पीठ, हाथ और पैर पर फैलते हैं तथा रक्तवर्ण के होते हैं। ये ७२ घंटों में समाप्त हो जाते हैं। कान के पीछे, सिर के पिछले हिस्से तथा गले में लसिका ग्रंथियाँ बड़ी हो जाती है तथा स्पर्श से दर्द होता है। यदि गर्भवती नारी को यह रोग गर्भधारण के प्रथम कुछ सप्ताहों के भीतर होता है, तो ५० प्रतिशत संभावना है कि बच्चे के हृदय, आँख, कान या मस्तिष्क की बनावट में कुछ दोष आ जाएगा। रोग की रोकथाम या चिकित्सा के लिए उचित ओषधि नहीं है।

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