बालकवि बैरागी
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हिन्दी कवि और लेखक आदरणीय बालकवि बैरागी जी (Balkavi Bairagi) का जन्म जन्म १० फरवरी १९३१ को मंदसौर जिले की मनासा तहसील के रामपुरा गाँव में हुआ था। बैरागी जी ने विक्रम विश्वविद्यालय से हिंदी में एम्.ए. किया था। इनकी मृत्यु 13 मई 2018 को इनके गृह नगर मनासा में हुई।[१]
प्रमुख कवितायेँ
प्रतिनिधि रचनाएँ
- दीवट(दीप पात्र) पर दीप / बालकवि बैरागी
- झर गये पात / बालकवि बैरागी
- गन्ने मेरे भाई!! / बालकवि बैरागी
- जो कुटिलता से जियेंगे / बालकवि बैरागी
- अपनी गंध नहीं बेचूंगा / बालकवि बैरागी
- मेरे देश के लाल / बालकवि बैरागी
- नौजवान आओ रे ! / बालकवि बैरागी
- सारा देश हमारा / बालकवि बैरागी
बाल कविताएँ
- शिशुओं के लिए पाँच कविताएँ-1 / बालकवि बैरागी
- शिशुओं के लिए पाँच कविताएँ-2 / बालकवि बैरागी
- शिशुओं के लिए पाँच कविताएँ-3 / बालकवि बैरागी
- शिशुओं के लिए पाँच कविताएँ-4 / बालकवि बैरागी
- शिशुओं के लिए पाँच कविताएँ-5 / बालकवि बैरागी
- विश्वास / बालकवि बैरागी
- चाँद में धब्बा / बालकवि बैरागी
- चाय बनाओ / बालकवि बैरागी
- आकाश / बालकवि बैरागी
- खुद सागर बन जाओ / बालकवि बैरागी
फ़िल्मी गीत
- मुझको भी राधा बना ले नंदलाल / बालकवि बैरागी
- तू चंदा मैं चांदनी, तू तरुवर मैं शाख रे / बालकवि बैरागी
सन्दर्भ
- ↑ "नहीं रहे प्रसिद्ध साहित्यकार बालकवि बैरागी, 87 की उम्र में हुआ निधन". aajtak.intoday.in. मूल से 28 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अगस्त 2018.
साँचा:जीवनचरित-आधार प्रतिनिधि रचनाएँ दीवट(दीप पात्र) पर दीप / बालकवि बैरागी झर गये पात / बालकवि बैरागी गन्ने मेरे भाई!! / बालकवि बैरागी जो कुटिलता से जियेंगे / बालकवि बैरागी अपनी गंध नहीं बेचूंगा / बालकवि बैरागी मेरे देश के लाल / बालकवि बैरागी नौजवान आओ रे ! / बालकवि बैरागी सारा देश हमारा / बालकवि बैरागी