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मध्य-आय जाल (मिडिल इंकम ट्रैप)

भारतपीडिया से

मध्यम आय जाल या मिडिल इंकम ट्रैप किसी देश के आर्थिक विकास की ऐसी स्थिति है, जिसमें वह देश जो एक निश्चित आय प्राप्त कर लेता है (अपने तुलनात्मक लाभ के कारण), किंतु उससे निकल नहीं पाता है। अन्य शब्दों में कहें तो ऐसे देश की प्रति व्यक्ति आय एक मध्य स्तर पर फंस जाती है, जहाँ वह न तो बहुत ग़रीब है, और न ही उसके भविष्य में सम्पन्न (और विकसित) होने की कोई उम्मीद है। [१] विश्व बैंक मध्यम-आय सीमा ’वाले देशों को प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय उत्पाद के आधार पर परिभाषित करता है। यह आय 2011 की स्थिर कीमतों के हिसाब से $ 1,000 से $ 12,000 के बीच होती है।

गतिकी

ऐसा माना जाता है मध्यम आय वाले देशों ने बढ़ती मजदूरी (पगार) के कारण विनिर्मित वस्तुओं के निर्यात में अपनी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त खो दी है। अब जो देश इनसे ज़्यादा ग़रीब हैं, उत्पाद बनाना वहाँ तुलनात्मक रूप से सस्ता पड़ेगा।

साथ ही साथ ये देश उच्च कोटि के उत्पाद बनाने में विकसित देशों से मुक़ाबला करने में असमर्थ है, क्योंकि इनके कारीगर उतने कुशल या किफ़ायती नहीं हैं। नतीजतन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील जैसे देश दशकों से 'मध्यम-आय सीमा' में ह्ही फँसे हुए हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि उनकी प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय उत्पाद निरंतर $ 1,000 से $ 12,000 के बीच बना हुआ है (2011 की कीमतें )। [२] चूँकि यहाँ कम निवेश होता है, तो द्वितीयक उद्योग में वृद्धि भी धीमी होती है, औद्योगिक विविधीकरण सीमित होता है और श्रम बाजार की स्थिति खराब है। इस दुष्चक्र में फँसे होने की वजह से इन देशों के भविष्य में पूर्ण रूप से विकसित होने की सम्भावना कम ही है।[३]

जाल से बचाव

मध्य आय के जाल से बचने के लिए नई प्रक्रियाओं को शुरू करने और निर्यात वृद्धि को बनाए रखने की आवश्यकता है, जिसलिए निर्यात के लिए नए बाजार ढूँढना ज़रूरी है। घरेलू मांग को पूरा करना भी महत्वपूर्ण है — एक विस्तृत मध्यम वर्ग अपनी बढ़ती क्रय शक्ति का उपयोग उच्च गुणवत्ता वाले नवीन उत्पादों को खरीदने और विकास करने में मदद कर सकता है। [४]

किंतु सबसे बड़ी चुनौती संसाधन-संचालित विकास से बढ़ रही है जो उच्च उत्पादकता और नवाचार के आधार पर सस्ते श्रम और पूंजी पर निर्भर विकास से आती है। इसके लिए आधारिक संरचना और शिक्षा में निवेश की आवश्यकता है। यदि कोई देश इस जाल से बचना चाहता है, तो इसके लिए उसे चाहिए कि वह एक उच्च-गुणवत्ता की शिक्षा प्रणाली का निर्माण करे। ऐसी शिक्षा प्रणाली रचनात्मकता को प्रोत्साहित करती है और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सफलताओं को बढ़ावा देती है जिनसे अर्थव्यवस्था में वापस जान डाली जा सकती है। [५]

यह सभी देखें

  • दोहरे क्षेत्र का मॉडल
  • मानव पूंजी

संदर्भ

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