मुक्ति (१९७७ फ़िल्म)

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मुक्ति 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।

संक्षेप

कैलाश शर्मा (शशि कपूर) पर शन्नो (अंजू महेन्द्रू) के यौन शोषण व धीरज कुमार वर्मा (रूपेश कुमार) की ह्त्या का झूठा आरोप लग जाता है। उसे जम्मू व काश्मीर के अधिवेशक न्यायालय द्वारा फांसी की सज़ा दी जाती है| हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसके निवेदन रद्द किए जाते हैं। अपनी मृत्यु को निश्चित मानकर कैलाश अपनी पत्नी सीमा (विद्या सिन्हा) को बेटी पिंकी के साथ बम्बई में बसने का सुझाव देता है| सीमा वहां अपनी जीविका के लिए सिलाई करने लगती है। कुछ समय बाद वह कैलाश को मृत मानकर अपने पड़ोसी रतन (संजीव कुमार) से विवाह कर लेती है|

चौदह वर्ष बाद बड़ी होकर पिंकी (बिंदिया गोस्वामी) अपने प्रेमी विक्रम (विक्रम) से विवाह करना चाहती है| इस बीच कैलाश की फांसी आजीवन कारावास में बदल चुकी है| वह जेल से छूटकर बम्बई शहर में अपने परिवार को खोजता है| कुछ समय बाद उन्हें देख उनकी ज़िन्दगी में दखल न देने की ठान वह चुप रह जाता है| जब सीमा को कैलाश के जीवित होने का का पता चलता है तो वह उससे मिलने जाती है| उससे मिलने के बाद उनके जीवन में आने वाले उथल पुथल को आगे की कहानी में दिखाया गया है|

चरित्र

मुख्य कलाकार

दल

संगीत

गीत गायक समय
"प्यार है इक निशाँ कदमो का" मोहम्मद रफ़ी 4:50
"लल्ला लल्ला लोरी, दूध की कटोरी" मुकेश 3:20
"लल्ला लल्ला लोरी, दूध की कटोरी" लता मंगेशकर 4:00
"सुहानी चांदनी रातें" मुकेश 4:35
"मैं जो चला पीकर" किशोर कुमार, आशा भोसले 4:30
"दिल सजन जलता है" मुकेश 5:10

रोचक तथ्य

परिणाम

बौक्स ऑफिस

समीक्षाएँ

नामांकन और पुरस्कार

उल्लेख

  1. "बिनाका गीत माला की 1977 वार्षिक सूची". मूल से 13 सितंबर 2006 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 जून 2011.

बाहरी कड़ियाँ