"ऑपरेशन रद्दुल-फ़साद": अवतरणों में अंतर

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पाकिस्तान का भारत के विरुद्ध राज्य-प्रायोजित आतङ्कवाद, अस्थिर अफगानिस्तान से निकटता, सोवियत-अफगान युद्ध का आरम्भ होना इत्यादि के साथ-साथ इसको अपने ही घर में पनप रहे आतङ्कवाद से गम्भीर सामना करना पड़ा। 1980 के दशक में वैश्विक जिहादी आन्दोलन की मेजबानी करने तथा उनको मूमि देने के कारण पाकिस्तान का सामाजिक ढाँचा बिगड़ गया। जिससे इसके भीतर आतङ्कवादी की स्थायी लहर चल पड़ी और जिसका चरम 2006 से 2014 के बीच में था।
पाकिस्तान का भारत के विरुद्ध राज्य-प्रायोजित आतङ्कवाद, अस्थिर अफगानिस्तान से निकटता, सोवियत-अफगान युद्ध का आरम्भ होना इत्यादि के साथ-साथ इसको अपने ही घर में पनप रहे आतङ्कवाद से गम्भीर सामना करना पड़ा। 1980 के दशक में वैश्विक जिहादी आन्दोलन की मेजबानी करने तथा उनको मूमि देने के कारण पाकिस्तान का सामाजिक ढाँचा बिगड़ गया। जिससे इसके भीतर आतङ्कवादी की स्थायी लहर चल पड़ी और जिसका चरम 2006 से 2014 के बीच में था।
2024 की जून में इस अभियान के तहत ''ऑपरेशन ज़र्ब-ए-अज़्ब'' नामक ऑपरेशन चालू किया गया।
इस ऑपरेशन ने नगरीय केन्द्रों तथा दूरदराज क्षेत्रों में आतङ्कवादी ठिकानों, प्रशिक्षण शिविरों, भर्ती स्थलों को प्रभावी ढँग से निशाना बनाया और उन्हें नष्ट कर दिया।
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