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वॅस्टा (Vesta), जिसका औपचारिक नाम 4 वॅस्टा है, सौर मंडल के क्षुद्रग्रह घेरे में स्थित एक क्षुद्रग्रह है। इसका व्यास (डायामीटर) लगभग 530 किलोमीटर है और सीरीस बौने ग्रह के बाद यह क्षुद्रग्रह घेरे की दूसरी सब से बड़ी वस्तु है। पूरे क्षुद्रग्रह घेरे की सारी वस्तुओं को अगर मिला लिया जाए तो उसका 9% द्रव्यमान (मास) वॅस्टा में है। यह क्षुद्रग्रह घेरे की सब से रोशन वस्तु भी है।
16 जुलाई 2011 को अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसन्धान एजेंसी नासा का डॉन शोध यान वॅस्टा के इर्द-गिर्द कक्षा में आकर उसकी परिक्रमा करने लगा।
प्रहार क्रेटर
वॅस्टा के दक्षिणी गोलार्ध (हॅमीस्फ़ेयर) में रियासिल्विया (Rheasilvia) नामक एक ५०५ किमी का गहरा प्रहार क्रेटर है और माना जाता है के क़रीब एक अरब साल पूर्व एक बड़ी वस्तु का वॅस्टा के साथ भयंकर टकराव हुआ जो वॅस्टा पर यह घाव छोड़ गया। साथ ही यह भी देखा गया है कि क्षुद्रग्रह घेरे में क्षुद्रग्रहों की एक V-श्रेणी नामक एक श्रेणी है जिनकी अधिकतर कक्षाएँ (ओरबिट) ४ वॅस्टा से मिलती-जुलती हैं। यह देखकर खगोलशास्त्री अनुमान लगाते हैं कि इनमें से अधिकतर इसी प्रहार द्वारा वॅस्टा से ही टूटकर अलग हुए थे और सम्भव है कि यही अधिकांश V-श्रेणी क्षुद्रग्रहों का स्रोत हो।[१]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
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- ↑ S. J. Bus & R. P. Binzel (2002). "Phase II of the Small Main-belt Asteroid Spectroscopy Survey: A feature-based taxonomy". Icarus 158: 146. Bibcode:2002Icar..158..146B साँचा:Webarchive. doi:10.1006/icar.2002.6856.