संवेग संरक्षण

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यदि किसी निकाय पर कोई बाह्य बल कार्य न कर रहा हो तो, निकाय का कुल संवेग नियत रहता है। संवेग को न ही उत्पन्न किया जाता है ना ही नष्ट किया जाता है यह केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित हो जाते हैं।

m1u1 +m2u2 =m1v1 + m2v2