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स्पाइडरमैन: भारत एक कॉमिक्स बुक है जो कि भारत में मूल रूप से २००४ में गौथम ऍण्टरटेनमैण्ट ग्रुप के द्वारा प्रकाशित की गयी है, यह मार्वल कॉमिक्स की कहानी - स्पाइडरमैन का भारतीय परिप्रेक्ष्य में पुनर्वर्णन करती है। इसके चार संस्करण आये जोकि बाद में २००५ में अमेरिका में भी प्रकाशित हुये और उनका ट्रेड पेपरबैक ISBN 0-7851-1640-0) के रूप में संग्रह हुआ। यह शृंखला शरद देवराजन, सरेश सीतारमन तथा जीवन के. कंग द्वारा मार्वल कॉमिक्स के साथ बनायी गयी।
पश्चिमी स्पाइरमैन के साथ साम्यता
कॉमिक्स में स्पाइडर मैन के परिवर्तित पात्र का नाम पवित्र प्रभाकर है जो कि मूल नाम पीटर पार्कर का ध्वन्यात्मक डिस्टॉर्शन है। मूल कॉमिक्स बुक पात्रों के समांतर अन्य कई पात्र हैं:
- मीरा जैन, मैरी जेन वाटसन के तुल्य
- आण्टी माया, आण्ट मे के सन्दर्भ में
- अंकल भीम, अंकल बेन के तुल्य
- नलिन ओबरॉय, नॉर्मन ऑस्बॉर्न के तुल्य जो कि एक शैतान ग्रीन गॉब्लिन में परिवर्तित होता है।
- हरि ओबरॉय, हैरी ऑस्बॉर्न के तुल्य
- वेनम
- डॉक्टर ऑक्टोपस
- फ्लैश थॉम्पसन
भूमिका सार
पवित्र प्रभाकर, एक गरीब भारतीय लड़का है जो कि एक गाँव मे रहता है तथा आधी छात्रवृति प्राप्त करने के बाद पढ़ाई के लिये अपनी आण्टी माया तथा अंकल भीम के साथ मुम्बई चला जाता है। उसके माता-पिता कुछ वर्ष पूर्व मर चुके हैं। विद्यालय में दूसरे छात्र उसे छेड़ते हैं तथा पीटते हैं। वह जानता है कि उसके अंकल भीम उसे तथा उसकी आण्टी माया को सहारा देने के लिये संघर्ष कर रहे हैं तथा स्कूल को चुका रहे हैं। सिर्फ स्कूल की एक लड़की मीरा उसकी मित्र बनती है। इसी दौरान एक स्थानीय अपराध सरगना नलिन ओबरॉय एक amulet का प्रयोग एक प्राचीन परम्परा को करने के लिये करता है जहाँ उसका सामना एक शैतान से होता है जो कि अन्य शैतानों के पृथ्वी पर वापस आने के लिये द्वारा खोलने के लिये प्रतिबद्ध है। अन्य बच्चों द्वारा पीछा किये जाने के दौरान पवित्र एक प्राचीन योगी से मिलता है जोकि उसे दुनिया के लिये खतरा बनी बुरी शक्तियों से लड़ने के लिये मकड़ी की शक्तियाँ देता है।
अपनी शक्तियों के बारे में पता लगाते हुए, पवित्र एक स्त्री की सहायता करने से मना कर देता है जिस पर कई पुरुष हमला कर रहे हैं। वह वहाँ से चला जाता है, परन्तु वापस आता है जब उसे अपने अंकल की चीख सुनाई देती है जिसे कि उस स्त्री की सहायता की कोशिश करने पर चाकू मार दिया जाता है। इस प्रकार पवित्र समझ जाता है कि महान शक्ति महान जिम्मेदारियों के साथ आती है।
आगे, नलिन ओबरॉय दोबारा इंसान बन जाता है तथा अपने डॉक्टर को डॉक्टर ऑक्टोपस (बिना आम यांत्रिक बाजुओं के, इसकी बजाय उसकी शैतानी बाजुयें हैं जो कि उसकी यांत्रिक बाजुयों जैसी ही दिखती हैं) में बदल देता है तथा उसे शैतानी आवाजों से मिले निर्देशों के अनुसार स्पाइडर मैन को मारने के लिये भेजता है। डॉक्टर ऑक्टोपस असफल रहता है तथा स्पाइडर मैन की खबर अखबारों तक पहुंच जाती है जिसमें उसे एक खतरे की तरह दिखाया जाता है ।
ओबरॉय पवित्र की चाची का अपहरण करके उसे मुम्बई रिफाइनरी के बाहर ले जाता है। वहाँ वह धोखे से किरण द्वारा डॉक्टर ऑक्टोपस में धमाका करता है। स्पाइडर मैन पहुँचता है तथा ओबरॉय से लड़ता है जिसने कि मीरा को भी अगवा कर लिया है। ओबरॉय आण्टी माया तथा मीरा दोनों को गिरा देता है, स्पाइडर मैन अपनी चाची को बचाने के लिये छलांग लगाता है परन्तु फिर मीरा को बचाने में असफल होता है जिसे कि डॉक्टर ऑक्टोपस द्वारा बचा लिया जाता है जो कि ओबरॉय से बदला लेने के लिये वापस आता है। पवित्र मीरा को अपनी पहचान बताता है तथा अपनी चाची को ले जाने के लिये कहता है।
ओबरॉय डॉक्टर ऑक्टोपस से हमेशा के लिये छुटाकारा पा लेता है तथा स्पाइडर मैन को अपनी amulet से छूता है। एक वेनम जैसा प्राणी स्पाइडर मैन को अंधेरे पक्ष में ले जा की कोशिश करता है परन्तु वह अपने अंकल को याद करता है तथा शैतान को खारिज कर देता है। ऐसा करने से शैतानों तथा ओबरॉय के मध्य सम्बंध टूट जाता है तथा वह दोबारा इंसान बन जाता है।
हर बात वापस सामान्य हो जाती है, स्पाइडर मैन को मीरा मिल जाती है तथ वह अपनी आण्टी के साथ प्रकाश का हिन्दू पर्व दीपावली मनाता है।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- प्रैस विज्ञप्ति
- NPR रेडियो इण्टरव्यू: एक रचयिता शरद देवराजन के साथ NPR पर रेडियो इण्टरव्यू
- Newsweek: स्पाइडर मैन: भारत पर न्यूज़वीक इण्टरनेशनल का एक लेख
- New York Magazine: स्पाइडर मैन: भारत पर न्यूयॉर्क मैगज़ीन का एक लेख
- वीकली स्टैण्डर्ड: स्पाइडर मैन: भारत तथा मैनीफैस्ट डैस्डिनी की तुलना करता वीकली स्टैण्डर्ड का एक लेख
- भारतीय स्पाइडरमैन पर बीबीसी का लेख