अष्टम भाव

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साँचा:स्रोतहीन

भदावरी ज्योतिष में जीवन के दो पहलुओं का विवरण मिलता है, प्रथम पहलू के अन्दर जीवन का चढाव और दूसरे पहलू में जीवन का उतराव कहा गया है। प्रथम पहलू की संज्ञा कुंडली के प्रथम भाव से सप्तम भाव तक मानी जाती है, इस पहलू तक जीवन की शुरुआत से लेकर परिवार पराक्रम इतिहास शिक्षा संतान सेवा विवाह तक विवरण कह अगया है। दूसरा पहलू अष्टम भाव से बारहवें भाव तक माना गया है। अष्टम भाव जान जोखिम अपमान मृत्यु आदि के रूप में कथित है।

साँचा:वैदिक साहित्य