तैत्तिरीय संहिता

भारतपीडिया से
imported>InternetArchiveBot द्वारा परिवर्तित ०५:३५, १५ जून २०२० का अवतरण (Rescuing 3 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.1)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

तैत्तिरीय संहिता में ७ काण्ड, ४४ प्रपाठक, तथा ६३१ अनुवाक हैं जिसका वर्ण्यविषय यज्ञीय कर्मकाण्ड (पौरोडास, याजमान, वाजपेय, राजसूय इत्यादि नाना यागानुष्ठान) का विशद वर्णन है। वेदों के एकमात्र सर्वातिशायी भाष्यकार सायण तैत्तिरीय शाखा के ही अनुयायी थे और उन्होने सर्वप्रथम तैत्तिरीय संहिता पर ही अपना वैदुष्यपूर्ण भाष्य लिखा।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ