सन्त निकोलस

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संत निकोलस शताब्दियों से मध्य पूर्व तथा समस्त यूरोप में अत्यंत लोकप्रिय संत थे, जो बच्चों, कुमारियों, मल्लाहों तथा बहुत से नगरों के संरक्षक माने जाते हैं।

सन्त निकोलस का पर्व ६ दिसम्बर को पड़ता है। जर्मनी, स्विट्जरलैंड, हॉलैंड आदि में उस पर्व में बच्चों को उपहार मिलते हैं और उन्हें विश्वास दिलाया जाता है कि संत निकोलस ये उपहार देने आते हैं। अमरीका तथा इंग्लैड में उसी रिवाज को क्रिस्मस के अवसर पर रखा गया है। वहाँ का संता क्लॉस अथवा फादर क्रिस्मस मूलत: संत निकोलस ही है। उनके विषय में प्रचलित अधिकांश दंतकथाओं का कोई ऐतिहासिक आधार नहीं है। इतना ही ज्ञात होता है कि वह चतुर्थ शताब्दी ई. में एशिया माइनर के मीरा नामक नगर के विशप थे जो परोपकार के कार्यों के कारण विख्यात थे। उनका अवशेष ११वीं शताब्दी में इटली के बारी नामक नगर में लाया गया था जो वहाँ के संत निकोलस नामक महामंदिर (बैसिलिका) में सुरक्षित है।