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== प्रशासन और आर्थिक व्यवस्था == | == प्रशासन और आर्थिक व्यवस्था == |
०६:३४, २८ फ़रवरी २०२५ के समय का अवतरण
मौर्य साम्राज्य | |
स्थापना | ईसा पूर्व 322 |
---|---|
अंत | ईसा पूर्व 185 |
राजधानी | पाटलिपुत्र |
शासन प्रणाली | केंद्रीय एकीकृत राजतंत्र |
प्रथम सम्राट | चंद्रगुप्त मौर्य |
महानतम सम्राट | अशोक महान |
अंतिम सम्राट | बृहद्रथ |
प्रमुख धर्म | बौद्ध धर्म, हिन्दू धर्म, जैन धर्म |
मौर्य साम्राज्य प्राचीन भारत का एक महान साम्राज्य था, जिसकी स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने की थी। यह साम्राज्य अपने कुशल प्रशासन, सैन्य शक्ति, और धर्मनैतिक नीतियों के लिए प्रसिद्ध था।
स्थापना और विस्तार
मौर्य साम्राज्य की स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने तक्षशिला के विद्वान चाणक्य के मार्गदर्शन में की। उन्होंने नंद वंश को परास्त कर मगध में अपनी सत्ता स्थापित की। इसके बाद उन्होंने उत्तर-पश्चिमी भारत को यूनानियों से मुक्त कराकर साम्राज्य का विस्तार किया।
अशोक और धम्म नीति
सम्राट अशोक (ईसा पूर्व 268 - 232) मौर्य साम्राज्य के सबसे महान शासक माने जाते हैं। प्रारंभ में वे एक शक्तिशाली विजेता थे, किंतु कलिंग युद्ध के बाद उन्होंने बौद्ध धर्म की नीति अपनाई। उन्होंने धम्म का प्रचार किया और समाज में नैतिकता, दया, और शांति को बढ़ावा दिया।
प्रशासन और आर्थिक व्यवस्था
मौर्य प्रशासन अत्यंत संगठित था। साम्राज्य को प्रांतों में विभाजित किया गया था, जिनका प्रशासन राज्यपालों द्वारा किया जाता था। अर्थव्यवस्था कृषि, व्यापार और उद्योग पर निर्भर थी। इस काल में भारत का व्यापार रोम, यूनान, और मध्य एशिया तक फैला हुआ था।
कला और संस्कृति
मौर्य काल में कला और वास्तुकला का विकास हुआ। प्रसिद्ध सांची स्तूप, बाराबर गुफाएँ, और अशोक स्तंभ इस काल की उत्कृष्ट कृतियाँ हैं।
पतन और उत्तराधिकारी वंश
अशोक के बाद मौर्य साम्राज्य कमजोर हुआ। अंतिम मौर्य सम्राट बृहद्रथ को पुष्यमित्र शुंग ने अपदस्थ कर शुंग वंश की स्थापना की।
विरासत
मौर्य साम्राज्य भारत के इतिहास में स्वर्णिम युग था। इसकी शासन प्रणाली, कला, धर्म, और प्रशासनिक नीतियाँ आने वाले कई शताब्दियों तक प्रभावशाली रहीं। विशेष रूप से सम्राट अशोक की धम्म नीति ने भारत ही नहीं, बल्कि समूचे एशिया में नैतिक और धार्मिक चेतना को एक नई दिशा दी।
संदर्भ
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