रिया (उपग्रह)

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रिया हमारे सौर मण्डल के छठे ग्रह शनि का दूसरा सब से बड़ा उपग्रह है। रिया सौर मण्डल के सारे उपग्रहों में से नौवा सब से बड़ा उपग्रह है। इसकी खोज १६७२ में इटली के खगोलशास्त्री जिओवान्नी कैसीनी ने की थी। रिया के घनत्व को देखते हुए वैज्ञानिकों का अनुमान है के यह २५% पत्थर और ७५% पानी की बर्फ़ का बना हुआ है। इस उपग्रह का तापमान धूप पर निर्भर करता है। जहाँ धूप पड़ रही हो वहाँ इसका तापमान -१७४ डिग्री सेंटीग्रेड (९९ कैल्विन) है और जहाँ अँधेरा हो वहाँ यह गिरकर -२२० डिग्री सेंटीग्रेड (५३ कैल्विन) चला जाता है। इसकी सतह पर अंतरिक्ष से गिरे हुए उल्कापिंडों की वजह से बहुत से गढ्ढे हैं, जिनमें से दो तो बहुत ही बड़े हैं और ४०० से ५०० किमी का व्यास (डायामीटर) रखते हैं।

कैसीनी अंतरिक्ष यान द्वारा ली गयी रिया की तस्वीर
पृथ्वी (दाएँ), हमारे चन्द्रमा (ऊपर बाएँ) और रिया (नीचे बाएँ) के आकारों की तुलना

अन्य भाषाओँ में

रिया को अंग्रेज़ी में "Rhea" लिखा जाता है। प्राचीन यूनानी धर्म में रिया देवताओं की माता थीं।

आकार

रिया का व्यास (डायामीटर) लगभग १,५२८ किमी है। तुलना के लिए पृथ्वी के चन्द्रमा का व्यास लगभग ३,४७० किमी है, यानि रिया से दुगना।

छल्ले

३ मार्च २००६ में अमेरिकी अंतरिक्ष प्राधिकरण (नासा) ने घोषणा की के उन्हें रिया के इर्द-गिर्द कुछ कमज़ोर से उपग्रही छल्लों के अस्तित्व के सुराग़ मिले हैं। हालांकि अभी इस बात को पक्का नहीं किया गया है, अगर ऐसा पाया जाता है तो रिया सौर मण्डल का पहला ऐसा उपग्रह होगा जिसके इर्द-गिर्द छल्ले हैं।

वायुमंडल

२७ नवम्बर २०१० को अमेरिकी अंतरिक्ष प्राधिकरण (नासा) ने घोषणा की के रिया पर एक पतला सा वायुमंडल मौजूद है, जिसमें ऑक्सीजन और कार्बन डाईऑक्साइड मौजूद हैं।

इन्हें भी देखें

बहरी कड़ियाँ