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हमारे सौर मण्डल के छठे ग्रह शनि के बहुत से भिन्न-भिन्न प्रकार के उपग्रह हैं, जिनमें १ कि॰मी॰ से भी कम आकार के नन्हे चाँद और भयंकर आकार वाला टाइटन (जो बुध ग्रह से भी बड़ा है) शामिल हैं। शनि के छल्लों में लाखों वस्तुएँ शनि की परिक्रमा कर रहीं हैं - लेकिन इनमें से बहुत तो छोटे-छोटे पत्थर या धुल के कण ही हैं। कुल मिलकर, ८ अक्टूबर २०१९ तक, शनि के ८२ ज्ञात उपग्रह थे जिनकी परिक्रमा की कक्षाएँ परखी जा चुकी थीं। इनमें से केवल १३ का व्यास (डायामीटर) ५० किमी से अधिक था और इनमें से ५३ का नामकरण किया जा चुका था। शनि के सात चन्द्रमा इतने बड़े हैं के वे अपने गुरुत्वाकर्षण की खींच से स्वयं को पूरा गोल आकार का कर पाएँ हैं। इन सारे चंद्रमाओं में से दो वैज्ञानिकों की लिए विशेष दिलचस्पी रखते हैं: टाइटन, जो सौरमंडल का दूसरा सब से बड़ा उपग्रह है और जिसपर पृथ्वी की तरह नाइट्रोजन गैस से भरपूर पृथ्वी से भी घना वायुमंडल है और ऍनसॅलअडस, जिसपर गैस और धुल के फव्वारे हैं और जिसके दक्षिणी ध्रुव की सतह के नीचे पानी का बड़ा जलाशय होने की सम्भावना है।
आकार
शनि का उपग्रह मण्डल बहुत ही एक-तरफ़ा है: शनि के इर्द-गिर्द उसके उपग्रहों और छल्लों में मिलकर जितना भी द्रव्यमान उसकी परिक्रमा कर रहा है उसका ९६% से अधिक हिस्सा सिर्फ़ एक उपग्रह, टाइटन में निहित है। शनि के बाक़ी ६ गोलाकार चंद्रमाओं में लगभग ४% है। अन्य ५० से भी अधिक उपग्रहों और छल्लों को मिलाकर सिर्फ़ ०.०४% ही बनता है।
शनि के मुख्य उपग्रह (पृथ्वी के चन्द्रमा की तुलना में) | |||||
---|---|---|---|---|---|
नाम |
व्यास (किमी)[१] |
द्रव्यमान (किलोग्राम)[२] |
परिक्रमा कक्षा का अर्धव्यास (किमी)[३] |
एक परिक्रमा का समय (दिन)[३] | |
माइमस | 400 (चाँद का 12%) |
0.4×1020 (चाँद का 0.05%) |
185,000 (चाँद का 50%) |
0.9 (चाँद का 3%) | |
ऍनसॅलअडस | 500 (चाँद का 14%) |
1.1×1020 (चाँद का 0.2%) |
238,000 (चाँद का 60%) |
1.4 (चाँद का 5%) | |
टॅथिस | 1,070 (चाँद का 30%) |
6.2×1020 (चाँद का 0.8%) |
295,000 (चाँद का 80%) |
1.9 (चाँद का 7%) | |
डायोनी | 1,120 (चाँद का 32%) |
11×1020 (चाँद का 1.5%) |
377,000 (चाँद का 100%) |
2.7 (चाँद का 10%) | |
रिया | 1,530 (चाँद का 44%) |
23×1020 (चाँद का 3%) |
527,000 (चाँद का 140%) |
4.5 (चाँद का 20%) | |
टाइटन | 5,150 (चाँद का 148%) (चाँद का 75%) |
1,350×1020 (चाँद का 180%) |
1,222,000 (चाँद का 320%) |
16 (चाँद का 60%) | |
आऐपिटस | 1,470 (चाँद का 42%) |
18×1020 (चाँद का 2.5%) |
3,560,000 (चाँद का 930%) |
79 (चाँद का 290%) |
उपग्रहों की तालिका
पुष्ट उपग्रह
कुंजी | ||||
---|---|---|---|---|
† प्रमुख बर्फीले चंद्रमा |
♠ टाइटन |
‡ इनुइट समूह |
♦ गैलिक समूह |
♣ नोर्स समूह |
अपुष्ट उपग्रह
The following objects (observed by Cassini) have not been confirmed as solid bodies. It is not yet clear if these are real satellites or merely persistent clumps within the F Ring.[६]
Name | Image | Diameter (km) | Semi-major axis (km)[७] |
Orbital period (d)[७] |
Position | Discovery year |
---|---|---|---|---|---|---|
S/2004 S 6 | ![]() |
≈ 3–5 | ≈ 140,130 | +0.61801 | uncertain objects around the F Ring | 2004 |
S/2004 S 3/S 4साँचा:Refn | ![]() |
≈ 3−5 | ≈ 140,300 | ≈ +0.619 | 2004 |
परिकल्पित उपग्रह
Two moons were claimed to be discovered by different astronomers but never seen again. Both moons were said to orbit between Titan and Hyperion.[८]
- Chiron which was supposedly sighted by Hermann Goldschmidt in 1861, but never observed by anyone else.[८]
- Themis was allegedly discovered in 1905 by astronomer William Pickering, but never seen again. Nevertheless it was included in numerous almanacs and astronomy books until the 1960s.[८]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
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- ↑ साँचा:Cite journal
- ↑ Jacobson, R. A.; Antreasian, P. G.; Bordi, J. J.; Criddle, K. E.; et al. (December 2006). "The Gravity Field of the Saturnian System from Satellite Observations and Spacecraft Tracking Data". The Astronomical Journal 132 (6): 2520–2526. Bibcode 2006AJ....132.2520J. doi:10.1086/508812
- ↑ ३.० ३.१ साँचा:Cite web
- ↑ ४.० ४.१ सन्दर्भ त्रुटि: अमान्य
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टैग;Gazetteer
नामक संदर्भ की जानकारी नहीं है - ↑ सन्दर्भ त्रुटि: अमान्य
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टैग;IAUC2009b
नामक संदर्भ की जानकारी नहीं है - ↑ सन्दर्भ त्रुटि: अमान्य
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टैग;Porco2005
नामक संदर्भ की जानकारी नहीं है - ↑ ७.० ७.१ सन्दर्भ त्रुटि: अमान्य
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टैग;Spitale Jacobson et al. 2006
नामक संदर्भ की जानकारी नहीं है - ↑ ८.० ८.१ ८.२ सन्दर्भ त्रुटि: अमान्य
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टैग;Solarviews
नामक संदर्भ की जानकारी नहीं है
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