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साँचा:Pp-protectedसाँचा:आज का आलेख साँचा:Chembox अमोनिया एक तीक्ष्म गंध वाली रंगहीन गैस है। यह हवा से हल्की होती है तथा इसका वाष्प घनत्व ८.५ है। यह जल में अति विलेय है। अमोनिया के जलीय घोल को लिकर अमोनिया कहा जाता है यह क्षारीय प्रकृति का होता है। जोसेफ प्रिस्टले ने सर्वप्रथम अमोनियम क्लोराइड को चूने के साथ गर्म करके अमोनिया गैस को तैयार किया। बर्थेलाट ने इसके रासायनिक गठन का अध्ययन किया तथा इसको बनाने वाले तत्वों को पता लगाया। प्रयोगशाला में अमोनियम क्लोराइड तथा बुझे हुए सूखे चूने के मिश्रण को गर्म करके अमोनिया गैस तैयार की जाती है।
उपयोग
यूरिया, अमोनियम सल्फेट, अमोनियम फास्फेट, अमोनियम नाइट्रेट आदि रासायनिक खादों को बनाने में अमोनिया का उपयोग किया जाता है। बड़े पैमाने पर नाइट्रिक एसिड तथा सोडियम कार्बोनेट के निर्माण में इसका उपयोग किया जाता है। बर्फ बनाने के कारखाने में शीतलीकारक के रूप में अमोनिया का उपयोग किया जाता है। प्रयोगशाला में प्रतिकारक के रूप में इसका उपयोग किया जाता है। लिकर अमोनिया का उपयोग कपड़ों से तेल ग्रीज आदि के दाग को छुड़ाने के लिए किया जाता है। अमोनियम कार्बोनेट बनाने में इसका उपयोग किया जाता है। अपने अत्यधिक उपयोग के कारण पूरी दुनिया में इसका व्यापक पैमाने पर उत्पादन होता है। २००४ में पूरे विश्व में इसका आनुमानिक उत्पादन १० करोड़ ९० लाख टन हुआ था।[१] २००६ में इसका उत्पादन लगभग १४ करोड़ ६५ लाख टन हुआ है।[२] अमोनिया उत्पादन में भारत का स्थान चीन के बाद द्वितीय है। ये दोनों देश विश्व उत्पादन का क्रमशः २८.४% तथा ८.६% उत्पादित करते हैं। रूस ८.४% तथा संयुक्त राज्य अमेरिका ८.२% के उत्पादन के साथ तीसरे और चौथे स्थान पर हैं।[१] कुल उत्पादन के ८०% का उपयोग उर्वरक बनाने के लिए होता है।[१] नाइट्रीकरण की प्रक्रिया द्वारा कुछ सजीवों में वायुमंडलीय नाइट्रोजन से अमोनिया का निर्माण होता है।
किसी उद्योग या अमोनिया टैंक से अमोनिया का रिसाव होकर यदि अचानक अमोनिया वातावरण में फैल जाए तो आँख तथा चेहरे को काफी अधिक पानी के द्वारा धोना चाहिए। अमोनिया जल में अति विलेय है इसलिए चेहरे को जल से धोने से यह घुलकर अलग हो जाती है।