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साँचा:आधार विश्वनाथ प्रताप सिंह के प्रधानमंत्रित्व वाली भारत सरकार ने ७ मई १९९० के प्रस्ताव द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति, १९८६ का परिवर्तित परिस्थितियों के विषय में पुनर्निरीक्षण करने के लिए इस समिति का गठन किया। इसके अध्यक्ष प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक एवं समाजशास्त्री आचार्य राममूर्ति थे। यह पहला कमीशन था जिसने लंबा समय नहीं लिया और डेढ़ साल के भीतर अपनी रिपोर्ट तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को सौंप दी।[१] [२]
राममूर्ति आयोग ने शिक्षा में बुनियादी सुधार की सिफारिशें कीं।
समिति के सुझाव
राममूर्ति समिति के मुख्य विचार निम्न बिन्दुओं पर केन्द्रित थे:
सन्दर्भ
- ↑ [www.teindia.nic.in/files/reports/ccr/ramamurti-committee-report.pdf REPORT OF THE COMMITTEE FOR REVIEW OF NATIONAL POLICY ON EDUCATION 1986
- ↑ साँचा:Cite web