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साँचा:आधार आचार्य शय्यंभव भगवान महावीर के चतुर्थ पट्टधर आचार्य थे।[१]। इनका जन्म राजगृह के ब्राह्मण परिवार में हुआ था। श्वेताम्बर मान्यताओं के अनुसार इन्होनें 'दशवईकालिका' नामक ग्रन्थ की रचना की थी। ऐसा मुमकिन है कि यह पूरी रचना आचार्य शय्यंभव की ना हों और कुछ भाग बाद में जोड़े गयें हो।[२]