इंग्लैंड के एडवर्ड षष्ठम

भारतपीडिया से
एडवर्ड षष्टम
Edward VI
Formal portrait in the Elizabethan style of Edward in his early teens. He has a long pointed face with fine features, dark eyes and a small full mouth.
एडवर्ड षष्टम, विलियम स्क्रॉट्स द्वारा 1550 में चित्रित।
आयरलैंड और इंग्लैंड का राजा
साँचा:Ifemptyसाँचा:Nowrap
साँचा:Ifempty20 फरवरी 1547
पूर्ववर्तीइंग्लैंड का हेनरी अष्टम
उत्तरवर्तीलेडी जेन ग्रे (विवादित) या मैरी I
राज प्रतिनिधिसाँचा:List collapsed
जन्मसाँचा:Br separated entries
निधनसाँचा:Br separated entries
समाधिसाँचा:Br separated entries
घरानाट्यूडर राजघराना
पिताहेनरी ८
माताजेन सीमोर
धर्मइंग्लैंड का गिरिजाघर
हस्ताक्षरएडवर्ड षष्टम Edward VI के हस्ताक्षर

{{template other|infobox|{{#ifeq:{{strleft इंग्लैंड के एडवर्ड षष्ठम|7}}|Infobox [[Category:Infobox templates|{{remove first word|इंग्लैंड के एडवर्ड षष्ठम}}}}}}</noinclude>

Documentation[create]

</noinclude>स्क्रिप्ट त्रुटि: "Check for unknown parameters" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। एडवर्ड षष्टम (12 अक्टूबर 1537 – 6 जुलाई 1553) अपनी मृत्यु तक आयरलैंड और इंग्लैंड का राजा था। २० फरवरी को ९ वर्ष की उम्र में उसका राज्याभिषेक किया गया था।[१] हेनरी अष्टम और जेन सीमोर का पुत्र एडवर्ड ट्यूडर राजवंश का तीसरा शासक सम्राट था। प्रोटेस्टैंट विचारों के तहत शिक्षित होने और बड़ा होने वाला भी वो इंग्लैंड का पहला राजा था। एक किशोर होने के नाते एडवर्ड के शासनकाल में उसका साम्राज्य वास्तव में एक राज अधिकारी द्वारा शासित होता था। राज्याधिकारियों की इस समिति के पहले अध्यक्ष उसके मामा एडवर्ड सीमोर (1547–1549), और बाद में जॉन डुडली थे।

एडवर्ड का शासनकाल इंग्लैंड में आर्थिक और सामाजिक विसंगतियों के लिये याद किया जाता है जिसके परिणामस्वरूप 1549 में वहाँ दंगे और विद्रोह होने लगे थे। स्कॉटलैंड के साथ एक बहुत ही महंगी लड़ाई जो पहले तो सफल रही लेकिन बाद में समझौतों और सेनाओं को पीछे खींचने पर और पिता द्वारा विजित बोलोग्न को शांति की स्थापना के लिये वापस फ्रांस को देने पर खत्म हुई। गिरिजाघर का आधिकारिक रूप से प्रोटेस्टैंट गिरिजाघर के रूप में पहचाना जाना भी एडवर्ड के ही शासनकाल में हुआ जो धार्मिक कार्यों में बहुत रूचि लेता था। हालांकि उसके पिता हेनरी अष्टम ने रोमन कैथोलिक गिरिजाघर और अंग्रेजी गिरिजाघर के बीच संबंध विच्छेद करवा दिया था लेकिन उसने कभी भी वहाँ पर कैथोलिक मान्यताओं व समारोहों के प्रचलन को बंद नहीं करवाया था। एडवर्ड के राज में प्रोटेस्टैंट विचारधारा को आधिकारिक मान्यता दी गई, पादरियों को अनिवार्य ब्र्हमचर्य से मुक्ति और अनिवार्य सामूहिक प्रार्थनाओं की समाप्ति के नियम बनाए गये। इन सुधारों के निर्माता कैंटरबरी के शीर्ष पादरी थॉमस क्रैनमर थे जिनकी लिखी पुस्तक आम प्रार्थना की पुस्तक (बुक ऑफ़ कॉमन प्रेयर) का उपयोग आज भी किया जाता है।

फरवरी 1553 में 15 की उम्र में एडवर्ड बीमार पड़ गया। जब ऐसा लगा की उसकी बीमारी गंभीर है और वो नहीं बचेगा तब तब उसने अपनी सलाहकार समिति के साथ मिलकर तीसरा उत्तराधिकार कानून में परिवर्तन करने के लिये "उत्तराधिकार के लिये इच्छापत्र" तैयार किया जिसमें मैरी के सत्ता ग्रहण करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया ताकि देश बापस कैथोलिक धर्म की ओर ना जाए। एडवर्ड ने अपनी बुआ मैरी ट्यूडर की नातिन लेडी जेन ग्रे, को अपना उत्तराधिकारी बना दिया और अपनी सौतेली बहनों मैरी १ और एलिज़ाबेथ प्रथम को उत्तराधिकार पंक्ति से हटा दिया। हालांकि एडवर्ड की मृत्यु के पश्चात इस फैसले को चुनौती दी गई और जेन को १३ दिनों के अंदर मैरी ने पदच्युत कर दिया। इसलिये जेन को नौ दिनों की रानी भी कहा जाता है। रानी के तौर पर मैरी ने एडवर्ड द्वारा किये गये सभी प्रोटेस्टैंट बदलावों को पलट दिया जो कि बाद में 1559 के एलिज़ाबेथ के धार्मिक समाधान (एलिज़बेथिअन रिलीज़ियस सेटलमेंट) का आधार बने।

सन्दर्भ

साँचा:टिप्पणीसूची

इन्हें भी देखें

साँचा:ब्रिटिश, अंग्रेज व स्कॉटिश शासक

श्रेणी:इंग्लैंड का इतिहास श्रेणी:अंग्रेज राजा साँचा:ब्रिटिश राजशाही आधार

  1. हेनरी अष्टम ने "Lord of Ireland" की उपाधि को "King of Ireland" से 1541 में बदल दिया था; एडवर्ड ने फ्रांस के सिंहासन पर अंग्रेजों का दावा बरकरार रखा लेकिन कभी उसपर शासन नहीं किया। देखें साँचा:Harvnb, और साँचा:Harvnb.