मेनू टॉगल करें
Toggle personal menu
लॉग-इन नहीं किया है
Your IP address will be publicly visible if you make any edits.

काका हाथरसी

भारतपीडिया से

साँचा:स्रोतहीन {{ज्ञानसन्दूक | bodyclass = biography vcard | bodystyle = width:{{#if:{{{box_width}}}|{{{box_width}}}| 22em}}; font-size:95%; text-align:left; | above = "काका हाथरसी{{{PAGENAME}}}"" | aboveclass = fn | abovestyle = text-align:center; font-size:125%; | image = {{#if:|[[Image:|{{{imagesize}}} | imageclass = साँचा:Image class names | imagestyle = padding:4pt; line-height:1.25em; text-align:center; font-size:8pt; | caption = | captionstyle =padding-top:2pt; | labelstyle = padding:0.2em 1.0em 0.2em 0.2em; background:transparent; line-height:1.2em; text-align:left; font-size:90%; | datastyle = padding:0.2em; line-height:1.3em; vertical-align:middle; font-size:90%; | label1 = {{#if:प्रभुलाल गर्ग|साँचा:Birth date}} हाथरस, उत्तर प्रदेश, भारत जन्म | data1 = {{#if:प्रभुलाल गर्ग|प्रभुलाल गर्ग
}}{{#if:साँचा:Birth date|साँचा:Birth date
}}हाथरस, उत्तर प्रदेश, भारत | label2 = {{#if:साँचा:Death date and age||मृत्यु}} | data2 = {{#if:साँचा:Death date and age|साँचा:Death date and age
}} | label3 = मृत्यु का कारण | data3 = {{{death_cause}}}{{{मृत्यु का कारण}}} | data4 = {{{Body_discovered}}} | label4 = शव मिला | label5 = समाधि | class5 = label | data5 = {{{resting_place}}}{{#if:{{{resting_place_coordinates}}}|
>{{{resting_place_coordinates}}}}} | label6 = आवास | class6 = label | data6 = {{{residence}}} | label7 = राष्ट्रीयता | data7 = | label8 = उपनाम | class8 = उपनाम | data8 = | label9 = नृजाति | data9 = {{{नृजाति}}} | label10 = नागरिकता | data10 = {{{नागरिकता}}} | label11 = शिक्षा | data11 = {{{शिक्षा}}} | label12 = शिक्षा का स्थान | data12 = {{{alma_mater}}} | label13 = उपजीविका | class13 = भूमिका | data13 = हास्य कवि | label14 = कार्यकाल | data14 = {साँचा:Years active | label15 = सङ्गठन | data15 = {{{employer}}} | label16 = गृह-नगर | data16 = {{{home_town}}} | label17 = उपाधि | data17 = {{{title}}} | label18 = वेतन | data18 = {{{वेतन}}} | label19 = कुल सम्पत्ति | data19 = {{{networth}}} | label20 = ऊँचाई | data20 = {{{ऊँचाई}}} | label21 = भार | data21 = {{{भार}}} | label22 = प्रसिद्धि का कारण | data22 = | label23 = अवधि | data23 = {{{अवधि}}} | label24 = पूर्वाधिकारी | data24 = {{{predecessor}}} | label25 = उत्तराधिकारी | data25 = {{{उत्तराधिकारी}}} | label26 = राजनीतिक दल | data26 = {{{party}}} | label27 = बोर्ड सदस्यता | data27 = {{{boards}}} | label28 = धर्म | data28 = {{{religion}}} | label29 = जीवनसाथी | data29 = {{{जीवनसाथी}}} | label30 = साथी | data30 = {{{partner}}} | label31 = सन्तान | data31 = {{{children}}} | label32 = माता-पिता | data32 = {{{माता-पिता}}} | label33 = सम्बन्धी | data33 = {{{relatives}}} | label35 = आवाहान-सङ्केत | data35 = {{{callsign}}} | label36 = आपराधिक मुकदमा | data36 = {{{criminal_charge}}} | label37 = {{#if:{{{burial_place}}}|समाधि}} | data37 = {{#if:{{{burial_place}}}|{{{burial_place}}}|{{#if:{Br separated entries|1={{{burial_place}}}|2={{{burial_coordinates}}}|1={{{resting_place}}}}}}} | class38 = label | label39 = पुरस्कार | data39 = {{{पुरस्कार}}}

| data40 = {{#if:{{{signature}}}|"""हस्ताक्षर"""

[[Image:{{{signature}}}|128px]]

}}

| data41 = {{#if:{{{website}}}|"""वेबसाइट्"""
{{{website}}}}}

| data42 = {{#if:{{{footnotes}}}|

"Notes"
{{{footnotes}}}

}}

}}

सन १९०६ में हाथरस में जन्मे काका हाथरसी (असली नाम: प्रभुलाल गर्ग) हिंदी हास्य कवि थे। उनकी शैली की छाप उनकी पीढ़ी के अन्य कवियों पर तो पड़ी ही, आज भी अनेक लेखक और व्यंग्य कवि काका की रचनाओं की शैली अपनाकर लाखों श्रोताओं और पाठकों का मनोरंजन कर रहे हैं।

हाथरस स्थित काका हाथरसी का निवास स्थान - बाँके भवन

व्यंग्य-विधा एवं काका

व्यंग्य का मूल उद्देश्य लेकिन मनोरंजन नहीं बल्कि समाज में व्याप्त दोषों, कुरीतियों, भ्रष्टाचार और राजनीतिक कुशासन की ओर ध्यान आकृष्ट करना है। ताकि पाठक इनको पढ़कर बौखलाये और इनका समर्थन रोके। इस तरह से व्यंग्य लेखक सामाजिक दोषों के ख़िलाफ़ जनमत तैयार करता है और समाज सुधार की प्रक्रिया में एक अमूल्य सहयोग देता है। इस विधा के निपुण विद्वान थे काका हाथरसी, जिनकी पैनी नज़र छोटी से छोटी अव्यवस्थाओं को भी पकड़ लेती थी और बहुत ही गहरे कटाक्ष के साथ प्रस्तुत करती थी। उदाहरण के लिये देखिये अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार पर काका के दो व्यंग्य :

बिना टिकिट के ट्रेन में चले पुत्र बलवीर

जहाँ ‘मूड’ आया वहीं, खींच लई ज़ंजीर

खींच लई ज़ंजीर, बने गुंडों के नक्कू

पकड़ें टी.टी., गार्ड, उन्हें दिखलाते चक्कू

गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार बढ़ा दिन-दूना

प्रजातंत्र की स्वतंत्रता का देख नमूना

या फिर:

राशन की दुकान पर, देख भयंकर भीर

‘क्यू’ में धक्का मारकर, पहुँच गये बलवीर

पहुँच गये बलवीर, ले लिया नंबर पहिला

खड़े रह गये निर्बल, बूढ़े, बच्चे, महिला

कहँ ‘काका' कवि, करके बंद धरम का काँटा

लाला बोले - भागो, खत्म हो गया आटा

या फिर:

‘काका’ वेटिंग रूम में फंसे देहरादून।

नींद न आई रात भर, मच्छर चूसे खून॥

मच्छर चूसे खून, देह घायल कर डाली।

हमें उड़ा ले ज़ाने की योजना बना डाली॥

किंतु बच गए कैसे, यह बतलाए तुमको।

नीचे खटमल जी ने पकड़ रखा था हमको ॥

हुई विकट रस्साकशी, थके नहीं रणधीर।

ऊपर मच्छर खींचते नीचे खटमल वीर॥

नीचे खटमल वीर, जान संकट में आई।

घिघियाए हम- “जै जै जै हनुमान गुसाईं॥

पंजाबी सरदार एक बोला चिल्लाके –

त्व्हाणूँ पजन करना होवे तो करो बाहर जाके॥


काका हाथरसी का अविस्मरणीय योगदान उनकी सदा याद दिलायेगा।

अतिरिक्त जानकारी एवं कवितायें

साँचा:हाथरस के कवि साँचा:हिन्दी साहित्यकार (जन्म १९०१-१९१०)