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कृति फौजदार का बचपन बिहार के एक प्राचीन गांव वैशाली, में बीता जो कि जैन धर्म की जन्मभूमि और बुद्ध की कर्म भूमि है। पांचवीं कक्षा तक उन्होंने शिक्षा दो स्कूलों से प्राप्त की, जिसमें एक निजी था, क्योंकि वहां शिक्षा की दर सबसे अच्छा था और दूसरा सरकारी स्कूल था, क्योंकि निजी स्कूल को कहीं से भी मान्यता प्राप्त नहीं थे। पांचवीं कक्षा के बाद आगे की शिक्षा उन्होंने मध्य प्रदेश से अपनी मसी के पास रह कर करी।[१] आजकल वे कर्नाटक के शहर हसन में मौजूद इसरो में 2013 से बतौर कंप्यूटर वैज्ञानिक काम करती हैं। वे संस्था में मौजूद मास्टर कंट्रोल फैसिलिटी (एमसीएफ) में काम करती हैं जिस पर भू-स्थित उप्ग्रिहों जैसे- इनसेट (INSATs), जीसेट (GSATs) और आईआरऐनएसएस (IRNSSs) के पर्यवेक्षण का उपक्रम है। भू-स्थित उपग्रह जमीन से 36000 किमी ऊपर पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं। यह उपग्रह पृथ्वी के साथ समकाल में चलते हैं और स्थिर लगते हैं और लंबे समय से स्थिरता बनाए रखने के कारण मौसम और संचार के लिए बहुत अमूल्य साबित होते हैं। मंगल परियोजना में कृति और बाकि मास्टर कंट्रोल सुविधा टीम ने यह सुनिश्चित करना था कि उपग्रह स्वस्थ रहे और उस पर सूर्य और चंद्रमा ग्रुत्वकर्षण का कोई बुरा प्रभाव न हो। [२]