क्लैमेन पिस्क
क्लैमेन पिस्क (Klemen Pisk) (जन्म 31 जुलाई 1973 को स्लोवेनिया के क्रांज़ में) स्लोवेनियाई कवि, लेखक, अनुवादक और संगीतकार है।
उनकी काव्य और गद्य का कई विदेशी भाषाओं में अनुवाद हुआ है और स्लोवेनिया, ऑस्ट्रिया, बोस्निया, चैक गणराज्य, लिथुआनिया, पौलेण्ड और फिनलैण्ड में प्रकाशित हुई है।
क्लैमेन पिस्क की सब से लोकप्रिय कविता का नाम है "द हर्मिट एण्ड द वुल्फ़" और हिन्दी में नेहल मेहता द्वारा उसका अनुवाद किया गया था।:
<poem>केकडे ने रेत में लकीर खींची और कहा: ‘तुम इस लकीर को पार नहीं कर सकते.’ फिर उसने एक वृत्त बनाया और कहा: ‘तुम्हे इस वृत्त के अंदर रहना होगा. तुम उसे पार कर सकते हो लेकिन लकीर से उपर नहीं’. फिर तूफ़ान आया और लकीर अद्रश्य हो गई। भेडिया वृत्त में खडा था। सर्दी और बरसात से वह थक गया था, लेकिन वह अपनी जगह पर डटा रहा. उसे पता नहीं था कि अभी भी लकीर रही है या नहीं, जब कि लकीर रेत पर कभी भी खींची हुई नहीं थी।’</poem>