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खोईसान भाषाएँ

भारतपीडिया से
अफ़्रीका के नक़्शे पर: खोईसान भाषाएँ पीले रंग वाले क्षेत्रों में बोली जाती हैं

खोईसान भाषाएँ दक्षिण और पूर्वी अफ़्रीका में बोली जाने वाली वह भाषाएँ हैं जिनमें क्लिक व्यंजन होते हैं और जो किसी भी अन्य भाषा परिवार की सदस्य नहीं हैं। यह कभी काफ़ी विस्तृत क्षेत्र में बोली जाती थीं लेकिन अब केवल कालाहारी रेगिस्तान में और तंज़ानिया के छोटे से इलाक़े में बोली जाती हैं। दक्षिण अफ़्रीका में इन्हें खोई और बुशमैन (जिन्हें 'सान' भी कहते हैं) आदिवासी बोला करते हैं और तंज़ानिया में संडावे और हदज़ा लोग इनके मातृभाषी हैं। बहुत से भाषावैज्ञानिक इसे एक भाषा परिवार का दर्जा नहीं देते और समझते हैं की वास्तव में यह भाषाएँ एक-दुसरे से कोई गहरा सम्बन्ध नहीं रखती।[१]

बहुत सी खोईसान भाषाएँ ख़तरे में हैं या विलुप्त हो चुकी हैं। खोईखोई भाषा सब से अधिक बोले जाने वाली खोईसान भाषा है और इसे नमीबिया में लगभग २। ५ लाख लोग बोलते हैं। तंज़ानिया की संडावे भाषा को ४०,००० लोग और कालाहारी मरुस्थल के उत्तरी भाग में बोले जानी वाली जुउ भाषाओँ को ३०,००० लोग बोलते हैं। ऐतिहासिक रूप से यह दक्षिण अफ़्रीका से उत्तर में महान दरार घाटी तक बोली जाती थीं लेकिन बांटू भाषाओँ के फैलने से इनका प्रभाव सिकुड़ता रहा।[२]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. साँचा:Cite web
  2. Barnard, A. (1988) 'Kinship, language and production: a conjectural history of Khoisan social structure', Africa: Journal of the International African Institute 58 (1), 29–50.