गोपालदास नीरज

भारतपीडिया से

साँचा:अद्यतन साँचा:ज्ञानसन्दूक | label1 = साँचा:Wd | data1 = साँचा:Wd
साँचा:Wd
साँचा:Wd | label2 = मौत | data2 = साँचा:Wd
साँचा:Wd | label3 = मौत की वजह | data3 = साँचा:Wd साँचा:Wd | data4 = | label4 = शरीर मिला | label5 = समाधि | class5 = label | data5 = साँचा:Wd | label6 = आवास | class6 = label | data6 = साँचा:Wd | label7 = राष्ट्रीयता | data7 = | label8 = उपनाम | class8 = उपनाम | data8 = | label9 = जाति | data9 = साँचा:Wd | label10 = नागरिकता | data10 = साँचा:Wd | label11 = शिक्षा | data11 = साँचा:Wd | label12 = शिक्षा की जगह | data12 = | label13 = पेशा | class13 = भूमिका | data13 = साँचा:Wd | label14 = कार्यकाल | data14 = | label15 = संगठन | data15 = साँचा:Wd | label16 = गृह-नगर | data16 = | label17 = पदवी | data17 = साँचा:Wd | label18 = वेतन | data18 = | label19 = कुल दौलत | data19 = साँचा:Wd | label20 = ऊंचाई | data20 = साँचा:Wd | label21 = भार | data21 = साँचा:Wd | label22 = प्रसिद्धि का कारण | data22 = साँचा:Wd साँचा:Wd | label23 = अवधि | data23 = | label24 = पूर्वाधिकारी | data24 = | label25 = उत्तराधिकारी | data25 = | label26 = राजनैतिक पार्टी | data26 = साँचा:Wd | label27 = बोर्ड सदस्यता | data27 = | label28 = धर्म | data28 = साँचा:Wd | label29 = जीवनसाथी | data29 = साँचा:Wd | label30 = साथी | data30 = | label31 = बच्चे | data31 = साँचा:Wd | label32 = माता-पिता | data32 = साँचा:Wd साँचा:Wd | label33 = संबंधी | data33 = | label35 = कॉल-दस्तखत | data35 = | label36 = आपराधिक मुकदमें | data36 = | label37 = | data37 = साँचा:Br separated entries | class38 = label | label39 = पुरस्कार | data39 = साँचा:Wd

| data40 = "हस्ताक्षर"

[[Image:साँचा:Wikidata|128px]]

| data41 = "वेबसाइट"
साँचा:Wd | data42 = }}

गोपालदास नीरज (4 जनवरी 1925 - 19 जुलाई 2018), हिन्दी साहित्यकार, शिक्षक, एवं कवि सम्मेलनों के मंचों पर काव्य वाचक एवं फ़िल्मों के गीत लेखक थे। वे पहले व्यक्ति थे जिन्हें शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में भारत सरकार ने दो-दो बार सम्मानित किया, पहले पद्म श्री से, उसके बाद पद्म भूषण से। यही नहीं, फ़िल्मों में सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिये उन्हें लगातार तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला।

संक्षिप्त जीवनी

गोपालदास सक्सेना 'नीरज' का जन्म 4 जनवरी 1925 को ब्रिटिश भारत के संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध, जिसे अब उत्तर प्रदेश के नाम से जाना जाता है, में इटावा जिले के ब्लॉक महेवा के निकट पुरावली गाँव में बाबू ब्रजकिशोर सक्सेना[१] के यहाँ हुआ था। मात्र 6 वर्ष की आयु में पिता गुजर गये। 1942 में एटा से हाई स्कूल परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। शुरुआत में इटावा की कचहरी में कुछ समय टाइपिस्ट का काम किया उसके बाद सिनेमाघर की एक दुकान पर नौकरी की। लम्बी बेकारी के बाद दिल्ली जाकर सफाई विभाग में टाइपिस्ट की नौकरी की। वहाँ से नौकरी छूट जाने पर कानपुर के डी०ए०वी कॉलेज में क्लर्की की। फिर बाल्कट ब्रदर्स नाम की एक प्राइवेट कम्पनी में पाँच वर्ष तक टाइपिस्ट का काम किया। नौकरी करने के साथ प्राइवेट परीक्षाएँ देकर 1949 में इण्टरमीडिएट, 1951 में बी०ए० और 1953 में प्रथम श्रेणी में हिन्दी साहित्य से एम०ए० किया।

मेरठ कॉलेज ,मेरठ में हिन्दी प्रवक्ता के पद पर कुछ समय तक अध्यापन कार्य भी किया किन्तु कॉलेज प्रशासन द्वारा उन पर कक्षाएँ न लेने व रोमांस[२] करने के आरोप लगाये गये जिससे कुपित होकर नीरज ने स्वयं ही नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। उसके बाद वे अलीगढ़ के धर्म समाज कॉलेज में हिन्दी विभाग के प्राध्यापक नियुक्त हो गये और मैरिस रोड जनकपुरी अलीगढ़ में स्थायी आवास बनाकर रहने लगे।

कवि सम्मेलनों में अपार लोकप्रियता के चलते नीरज को बम्बई के फिल्म जगत ने गीतकार के रूप में नई उमर की नई फसल के गीत लिखने का निमन्त्रण दिया जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। पहली ही फ़िल्म में उनके लिखे कुछ गीत जैसे कारवाँ गुजर गया गुबार देखते रहे और देखती ही रहो आज दर्पण न तुम, प्यार का यह मुहूरत निकल जायेगा बेहद लोकप्रिय हुए जिसका परिणाम यह हुआ कि वे बम्बई में रहकर फ़िल्मों के लिये गीत लिखने लगे। फिल्मों में गीत लेखन का सिलसिला मेरा नाम जोकर, शर्मीली और प्रेम पुजारी जैसी अनेक चर्चित फिल्मों में कई वर्षों तक जारी रहा।

किन्तु बम्बई की ज़िन्दगी से भी उनका मन बहुत जल्द उचट गया और वे फिल्म नगरी को अलविदा कहकर फिर अलीगढ़ वापस लौट आये।

पद्म भूषण से सम्मानित कवि, गीतकार गोपालदास 'नीरज' ने दिल्ली के एम्स में 19 जुलाई 2018 की शाम लगभग 8 बजे अन्तिम सांस ली।

अपने बारे में उनका यह शेर आज भी मुशायरों में फरमाइश के साथ सुना जाता है:

इतने बदनाम हुए हम तो इस ज़माने में, लगेंगी आपको सदियाँ हमें भुलाने में।
न पीने का सलीका न पिलाने का शऊर, ऐसे भी लोग चले आये हैं मयखाने में॥

प्रमुख कविता संग्रह

नीरज जी को सम्मान

हिन्दी साहित्यकार सन्दर्भ कोश[३] के अनुसार नीरज की कालक्रमानुसार प्रकाशित कृतियाँ इस प्रकार हैं:

  • संघर्ष (1944)
  • अन्तर्ध्वनि (1946)
  • विभावरी (1948)
  • प्राणगीत (1951)
  • दर्द दिया है (1956)
  • बादर बरस गयो (1957)
  • मुक्तकी (1958)
  • दो गीत (1958)
  • नीरज की पाती (1958)
  • गीत भी अगीत भी (1959)
  • आसावरी (1963)
  • नदी किनारे (1963)
  • लहर पुकारे (1963)
  • कारवाँ गुजर गया (1964)
  • फिर दीप जलेगा (1970)
  • तुम्हारे लिये (1972)
  • नीरज की गीतिकाएँ (1987)

पुरस्कार एवं सम्मान

गोपालदास नीरज को कई पुरस्कार व सम्मान[४] प्राप्त हुए, जिनका विवरण इस प्रकार है:

फिल्म फेयर पुरस्कार

गोपालदास नीरज को फ़िल्म जगत में सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिये उन्नीस सौ सत्तर के दशक में लगातार तीन बार इस पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया-

इसमें वह 1970 का पुरस्कार जीते।

मन्त्रीपद का विशेष दर्जा

उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार ने अभी हाल सितम्बर में ही गोपालदास नीरज को भाषा संस्थान का अध्यक्ष नामित कर कैबिनेट मन्त्री[६] का दर्जा दिया था।

सन्दर्भ

साँचा:टिप्पणीसूची

बाहरी कड़ियाँ

साँचा:Commons category

साँचा:फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार साँचा:हिन्दी साहित्यकार (जन्म १९२१-१९३०)

साँचा:Persondata

  1. हमारे लोकप्रिय गीतकार गोपालदास नीरज सम्पादक:शेरजंग गर्ग 2006 पृष्ठ 131 वाणी प्रकाशन दरिया गंज नई दिल्ली 110002 ISBN 81-7055-904-0
  2. हमारे लोकप्रिय गीतकार गोपालदास नीरज सम्पादक:शेरजंग गर्ग 2006 पृष्ठ 6 वाणी प्रकाशन दरिया गंज नई दिल्ली 110002 ISBN 81-7055-904-0
  3. डॉ॰ गिरिराजशरण अग्रवाल एवं डॉ॰ मीना अग्रवाल हिन्दी साहित्यकार सन्दर्भ कोश (दूसरा भाग) 2006 पृष्ठ 110 हिन्दी साहित्य निकेतन, बिजनौर (उ०प्र०) ISBN 81-85139-29-6
  4. डॉ॰ गिरिराजशरण अग्रवाल एवं डॉ॰ मीना अग्रवाल हिन्दी साहित्यकार सन्दर्भ कोश (दूसरा भाग) 2006 पृष्ठ 110 हिन्दी साहित्य निकेतन, बिजनौर (उ०प्र०) ISBN 81-85139-29-6
  5. "Padma Vibhushan for Bhagwati, V. Krishnamurthy" [भगवती, वी कृष्णमूर्ति के लिए पद्म विभूषण] (अंग्रेज़ी में). द हिन्दू. २७ जनवरी २००७. मूल से 14 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ८ दिसम्बर २०१३.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  6. "उप्र में कवि नीरज समेत पांच को मंत्री का दर्जा". मूल से 10 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 अक्तूबर 2012.